श्रीलंका 7 खरब डॉलर के कर्ज में, कागज खरीदने के पैसे भी नहीं, पाकिस्तान को बचने के लिए चाहिए 52 अरब डॉलर

एशिया के दो देश पर चढ़े कर्ज अब उन्हें बर्बाद करेंगे

नई दिल्ली (ब्यूरो)। रूस युक्रेन युद्ध के बीच भारत के लिए भी आसपास के देशों की गिरती अर्थवयवस्था चिंता का कारण बन गई है। श्रीलंका भयावह कर्ज के जाल में इस कदर उलझ गया है कि बच्चों की परीक्षाएं लेने के लिए कागज खरीदने के पैसे भी नहीं होने के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गई है। श्रीलंका को इस साल 7 खरब डॉलर का कर्ज चुकाना है जिसके लिए वह सक्षम नहीं है। पहले से ही श्रीलंका का बंदरगाह चीन के पास जा चुका है। वहीं पाकिस्तान की इमरान सरकार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से बड़ा कर्ज लेना था, जिसके लिए उन्हें कई टैक्स बढ़ाने थे परन्तु सरकार जाती हुई देखने के बाद वे पीछे हट गए। पाकिस्तान विश्व के दस कर्ज में डूबे हुए देशों में शामिल हो गया है, पाकिस्तान को 52 अरब डॉलर की मदद की जरूरत है।
श्रीलंका का आय का सबसे बड़ा हिस्सा पयर्टन से आता है परंतु कोराना और युद्ध के कारण आय में भारी गिरावट के साथ ही अब श्रीलंका को जुलाई के पहले 1 अरब डॉलर के बांड की राशि वापस देनी है जो उसके पास नहीं है। दूसरी और इस साल में भारत चीन और अमेरिका के 7 अरब डॉलर का कर्ज भी चुकाना है। ऐसे में श्रीलंका दिवालिया होने की स्थिति में पहुंच गया है। श्रीलंका के राष्ट्रीय बैंक के गर्वनर रह चुके डब्ल्यू ए विजयेन्द्र ने कहा की सरकार और देश दोनों ही बड़े संकट में फंस गए है। इसी के चलते आने वाले समय में वेतन बटना भी संभव नहीं होगा। अभी केवल परीक्षाएं रद्द हुई है अब चीन से ही श्रीलंका को आगे भी मोहताज रहना होगा। दूसरी और पाकिस्तान का रूपया डॉलर के मुकाबले 180 रुपए के पार पहुंच चुका है। भयावह महंगाई के चलते यहां खाने के सामान के भाव 5 से 6 गुना तक बढ़ चुके है। पाकिस्तान का बेड़ागर्क होता जा रहा है। पाकिस्तान को 52 अरब डॉलर की मदद तुरंत चाहिए। दूसरी और अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली सभी सहायत बंद कर दी है। इससे पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। पाकिस्तान विश्व के कर्ज में डूबे देशों की सूची में भी शामिल हो चुका है। पाकिस्तान को डेविट सर्विस स्पेंशन एनीशिएटिव के दायरे में आ गया है। इसका मतलब यह हुआ कि पाकिस्तान पर अब इतना विदेशी कर्ज हो चुका है कि उसे अब उधार नहीं दिया जा सकता है। विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान का विदेशी कर्ज आठ फीसदी बढ़ा है। इसी साल जून में एक रिपोर्ट आई थी, जिससे पता चला कि इमरान सरकार ने विश्व बैंक से 442 मिलियन अमेरिकी डालर का कर्ज लिया था। पाकिस्तान को कर्ज देने वाले विश्व बैंक और एशियन डेवलेपमेंट बैंक भी है।

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