रूस का प्राकृतिक गैस कारोबार अब अमेरिका के हाथों में आया
कई देश अब अमेरिका के मोहताज हो जाएंगे
वॉशिंगटन। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका के लिए व्यापार का बड़ा मौैका खुल गया है, जो बिना किसी मेहनत के मिलने जा रहा है। अमेरिका को पूरे यूरोप में अब प्राकृतिक गैस का वह पूरा सप्लाय मिल रहा है जो रूस के पास था। अमेरिका ने इस युद्ध में बड़ा खेल खेल लिया है। इससे जहां डॉलर की ताकत और बढ़ेगी वहीं विश्व के कई देशों को अमेरिका का मोहताज भी बना रहना पड़ेगा।
पिछले 31 दिनों से चल रहे युद्ध के कारण रूस पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगातार लगाए जा रहे हैं। रूस की ताकत उसके परमाणु हथियार नहीं बल्कि प्राकृतिक गैस और कच्चा तेल एवं गेहूं की बड़ी फसल है। विश्व के कई देश रूस और यूक्रेन के अनाज पर ही पूरी तरह आश्रित थे। दोनों देशों के बीच चल रहा युद्ध अब अमेरिका के लिए बड़े कारोबार का मार्ग बन चुका है। वारसा में यूरोपिय देशों की बैठक के पहले ही अमेरिका ने प्राकृतिक गैस के टैंकरों के काफिले को यूरोपिय देशों के लिए रवाना कर दिया है। लम्बे समय से अमेरिका अपने यहां के गैस और तेल भंडार को बाजार में लाने की कोशिश कर रहा था। अब अगले छह माह में अमेरिका पूरे यूरोप में 15 अरब क्यूबिक मीटर गैस का सप्लाय करेगा, जो अब तक किए जा रहे सप्लाय से ढाई गुना ज्यादा है। 2030 तक अमेरिका पूरे यूरोप में 50 बिलियन क्यूबिक मीटर पर अपना उत्पादन बढाकर आपूर्ति करेगा। इससे जहां रूस की कमर तोड़ी जाएगा, क्योंकि यूरोपिय देशों में रूस का 30 प्रतिशत तक अलग-अलग सप्लाय है। अब अमेरिका में सभी बड़़ी कंपनियां प्राकृतिक गैस उत्पादन में जुट गई हैं। जर्मनी ने भी कतर से गैस लेने का समझौता किया है।