सेटेलाइट हिल्स: छोटे प्लाट होल्डर उलझते गये बड़े निपटते गये

चंपू अजमेरा छोटे प्लाट होल्डरों को दे रहे है उच्चतम न्यायालय जाने की सलाह प्रशासन चाहे तो शिविर लगाकर दिला सकता है न्याय....

इंदौर। खंडवा रोड़ स्थित सेटेलाइट हिल्स में उच्चतम न्यायालय के सशर्त जमानत के बाद भी जमीनों के जालसाज अपनी फितरत से पीछे नहीं हट रहे है। इस टाउनशिप में ३०० से ज्यादा प्लाट होल्डर पंद्रह सालों से रजिस्ट्री के बाद भी उलझे हुए हैं। दूसरी ओर इस टाउनशिप के कर्ताधर्ता चंपू अजमेरा जमीनों के बड़े खिलाड़ियों को दूसरों के प्लाट काटकर कब्जे दे रहे है। वहीं छोटे प्लाट होल्डर के प्लाट पर दिये गये कब्जे को भी मानने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं। हर दिन यहां पर प्लाट मांगने आने वाले लोगों को धमकाया जा रहा है और कहा जा रहा है कि जनसुनवाई में गये थे ‘क्या हुआ…अब सुप्रीम कोर्ट भी हो आओÓ मैं जेल हो आया हूंÓ मुझे कोई अंतर नहीं पड़ेगा…।
खंडवा रोड़ स्थित सेटेलाइट हिल्स जमीनों की जालसाजी का सबसे बड़ा अखाड़ा बन गया है। चंपू अजमेरा ने यहां तीन सौ से अधिक प्लाट होल्डरों को १२ से १५ साल पहले रजिस्ट्री करवा दी थी। आठ लाख फीट माल बेचा जा चुका है। इसी के साथ चंपू अजमेरा ने इसी जमीन का जहां पर प्लाट काटे थे बड़ा हिस्सा कैलाश गर्ग को बेच दिया। कैलाश गर्ग ने यह जमीन बैंक में गिरवी कर दी। इसके अलावा चंपू अजमेरा ने जमीनों के बड़े खिलाड़ियों को यहां पर लंबी चौड़ी जमीन उतार दी है। इन प्लाटों की पहले ही रजिस्ट्रियां हो चुकी थीं। अब जालसाजी के बाद जेल गये चंपू अजमेरा अब सुप्रीम कोर्ट को भी जेब में रखने की बात कर रहे हैं। वे प्लाट होल्डरों से कह रहे हैं जनसुनवाई के बाद भी प्लाट दुंगा नहीं। जिन्हें जहां शिकायत करनी हो कर ले। मैं जेल होकर आ गया हूं… मुझे कोई अंतर नहीं पड़ेगा। दो सौ से ज्यादा प्लाट होल्डर हर दूसरे तीसरे दिन सेटेलाइट हिल पर बुलाये जाते हैं और उन्हें कहा जाता है। ६ से ८ महीने और लगेंगे। चंपू के साथ दो गनमेन और गुंडों की फौज भी खड़ी रहती है। हालांकि यहां पर शासन ने एक पटवारी और तहसीलदार नियुक्त कर रखा है पर जब प्लाट होल्डरों को धमकी दी जाती है तो वे भी चुपचाप खड़े रहते हैं। इसी टाउनशिप की तीन एकड़ जमीन पहले ही सरेंडर की जा चुकी है अब इस जमीन को भी सरेंडर न करवाते हुए बड़ा खेल करने के लिए कोशिश की जा रही है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने ३१ मार्च तक चंपू अजमेरा की सेटेलाइट हिल्स, फिनिक्स, कालिंदी गोल्ड, पुलक सिटी में प्लाटों के सभी मामलों का निराकरण करने को कहा है। अन्यथा जमानत निरस्त कर दी जाएगी। जबकि अभी तक एक भी टाउनशिप में छोटे प्लाट होल्डरों को भूखंड नहीं मिले है और ना ही कब्जे मिले हैं।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.