पांच ब्रोकरों ने ही करोड़ों की डायरियां बेची

डायरियों के गौरखधंधे में शहर के कई सफेदपोश लूट रहे हैं इंदौर को

इंदौर। डायरियों पर प्लाट बेचने के गौरखधंधे का काला सच जैसे जैसे सामने आ रहा है वह बता रहा है कि इस कदर पूरे शहर के बाहरी क्षेत्र में डायरियां चल चुकी हैं कि अगर प्रशासन तालाब की छोटी मछलियों यानि ब्रोकरों पर जब पूछताछ का शिकंजा कसेगा तो इस शहर के कई सफेदपोश धनाड्य ईमानदार लोगों के चेहरे सामने आ जाएंगे। इसके पहले भी एक ब्रोकर के यहां से मिली डायरी के आधार पर ही संजय दासौद के यहां छापे की बड़ी कार्रवाई कर करोड़ों रुपए की चोरी उजागर की थी। अभी प्रशासन के पास केवल डायरियां ही पहुंची है। अब जमीन के कारोबारियों के हिसाब भी पहुंचना शुरू हो गए हैं। आयकर विभाग को भी अब इस मामले में जोड़ा जा रहा है। लगभग 10 से अधिक नक्शे के आधार पर बुकिंग डायरियों पर 30 प्रतिशत प्लाटों की हो चुकी है। सबसे ज्यादा डायरियों का कामकाज रेडिमेड काम्प्लेक्स से किया गया है। केवल दो ही लोगों ने 10 लाख फिट माल बेचा है। इसमें संजय मालानी और उमेश डेमला करोड़पति हो गए हैं। डायरियों पर माल बेचने वाले एक ब्रोकर पर ही केवल अभी शिकंजा कसा है जिसने शहर के बड़े कारोबारी का नाम बताया। डेमला और संजय मालानी ने बीसीएम हाइट्स की पांच कालोनियों का 10 लाख फिट माल डायरियों पर बेच दिया है। इसके अलावा निलेश मालपानी ने बड़ा बांगड़दा और बिजलपुर के बीच चार लाख फिट माल तो बेचा ही है वहीं महेन्द्र अग्रवाल और अशोक केरन का भी आठ लाख फिट माल ये बेच चुके हैं।

शहर में छोटे-मोटे प्रोजेक्ट में भी 3500 रुपए के भाव से डायरियां बेची गई हैं, जबकि बड़े प्रोजेक्ट में 1500 से 2000 के बीच डायरियां चल रही है। सुरेश ठाकुर, दिलीप सेन और जिंदल भी एक-एक लाख फिट माल डायरियों पर बेच चुके हैं। कपड़ा बाजार के आनंद लखोटिया ने 30 कालोनियों में 15 लाख फिट माल बेचा है। इसमें बायपास और सूपर कॉरिडोर पर अच्छी खासी डायरियां चल रही है। इन सब के अलावा इस समय राऊ में सबसे ज्यादा डायरियों का खेल चला है। यहां पर दो सिंधी समाज के दो बड़े ब्रोकरों ने 2000 रुपए वर्ग फीट की रेंज के प्लाट का 20 लाख वर्गफीट माल बेच दिया है। उल्लेखनीय है कि डायरियों पर ही काम करने वाले कमल गोयल के यहां से ही छापे के दौरान मिले हिसाब-किताब के बाद संजय दासौद के यहां आयकर विभाग ने बड़ी रेड डाली थी। अभी इन दिनों उज्जैन रोड पर अरविंदो से धरमपुरी के बीच 20 कालोनियों में डायरियां ही चल रही हैं। डायरियों के बड़े कारोबारियों में संजय मालानी और उमेश डेमला के अलावा आनंद लखौटिया तीसरे कारोबारी हैं परंतु अभी तक प्रशासन ने इन पर हाथ नहीं डाला है। दूसरी ओर प्रशासन के सूत्र कह रहे हैं कि डायरियों पर बेचे गए माल के मामले में पूछताछ के बाद कम से कम पांच बिल्डरों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएंगे, जिन्होंने बिना किसी अनुमति के केवल अनुबंध के आधार पर ही डायरियों पर प्लाट बेचे हैं।
इधर खंबाती ग्रुप क्रिस्टल वेली सागा यूनिवर्सिटी बायपास पर प्री लांच कालोनी बुकिंग कर रहे हैं, (जबकि खम्बाती क्लॉथ मार्केट की जमीन का पूर्व में दोषी पाया गया था) एक्जोटिका मोहन चुघ ग्रुप, स्काई सोले अग्रवाल पब्लिक स्कूल के पास एवं मोहन चुघ ग्रुप जल्द आ रहा हिंगोनिया जिसकी बुकिंग चालू हो गई विमल श्री ग्रुप कनाड़िया रोड़ विमल श्री शुभ आंगन बुकिंग आरम्भ, बीसीएम ग्रुप प्री लांच हिंगोनिया कनाड़िया बायपास, मानक इलाइट पेमेंट शर्ते 10 प्रतिशत बुकिंग,10 प्रतिशत टी एंड सी पी, 20 प्रतिशत विकास पर कैसे बेच रहे हैं। वहीं अग्रवाल ग्रुप का एमरल्ड निर्वाणा रुचि लाइफ स्केप की लाइन में 15 प्रतिशत बुकिंग पर 15 प्रतिशत टी एंड सी पी20 प्रतिशत विकास अनुमति पर कैसे बेच सकते? डी एस आदित्य नेचर बाग कनाड़िया रोड़ बुकिंग आरम्भ, शांति पार्क बी सी एम ग्रुप, पाला खेड़ी सुपर कॉरिडोर, एक्जोटिका आइलैंड, भूपेश व्यास एंड ग्रुप प्रेम गोयल की बायपास पर कालोनी लांच प्री बुकिंग शुरू होने जा रही है। (बगलामुखी मंदिर)हर तहसील, कस्बो में कालोनाइजर की बाढ़ आई हुई है नियमानुसार पहले किसान से खरीदी जमीन की रजिस्ट्री होना आवश्यक है जिससे सरकार को तगड़ा राजस्व मिलता हैं जबकि अधिकांश कालोनाइजर किसान से 20 प्रतिशत पर अनुबंध करके ही काम शुरू कर देते हैं।
किसानों के चार अनुबंध उलझ गए
इधर शहर के नामीगिरामी बिल्डरों ने किसानों को केवल टोकन देकर जमीनों पर प्लाट काटने का काम नक्शा बनाकर शुरू कर दिया था। यह सौदे 200 से 300 करोड़ के बीच के हैं। इधर प्रशासन द्वारा कार्रवाई के बाद अब डायरियों पर बुकिंग बंद होने के बाद किसानों को दी जाने वाली दूसरी और तीसरी किस्त उलझ गई है। इसके चलते चार किसान अनुबंध से पीछे हट रहे हैं। यानी 3000 से अधिक लोग जिन्होंने डायरियों पर प्लाट खरीदे हैं वे इन जमीनों पर भूखंड नहीं ले पाएंगे। या फिर लम्बे समय तक लटके रहेंगे।
संजय दासौद के यहां गड़बड़
दूसरी ओर संजय दासौद के यहां सूपर कॉरिडोर और कनाड़िया रोड पर 200 बीघा में डायरियों पर कुछ लोगों ने फर्जी हस्ताक्षर कर डायरियां चला दी हैं। अब यहां पर विवाद होने के बाद 300 से अधिक डायरियों के लेन देन में धोखाधड़ी होने के बाद आने वाले समय में जोरदार खींचतान होने वाली है। कुल मिलाकर शहर में 2000 से अधिक डायरियां ऐसी होगी जिनमें भूखंड नहीं मिल पाएंगे।

 

 

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