इंदौर : 1034 करोड़ में बनेगा 10.6 किमी हिस्सा

मेट्रो ट्रेन वित्तीय टेंडर खुला... चार साल बाद दिखेगी मेट्रो की रफ्तार

वीरेन्द्र वर्मा
इंदौर। एयरपोर्ट से आइएसबीटी तक 10.6 किलोमीटर मेट्रो रेल के हिस्से का वित्तीय टेंडर खुल गया है। 1034 करोड़ का रेल्वे विकास निगम का टेंडर आया है। टेंडर में यह एक मात्र कंपनी है, जिसने इंदौर में मेट्रो ट्रेन निर्माण में रुचि ली। एयरपोर्ट से आइएसबीटी के हिस्से की निर्माण लागत 1 हजार करोड़ रुपए आंकी गई थी। यह कंपनी भारतीय रेल का ही उपक्रम है और तय लागत से मात्र 34 करोड़ ज्यादा का टेंडर है। अभी वर्क आर्डर जारी नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि जल्दी ही वर्क आर्डर जारी हो जाएगा।
वहीं आइएसबीटी से रोबेट चौराहे तक 6.25 किलोमीटर हिस्से के निर्माण हेतु दिलीप बिल्डकॉन को काम दिया गया है। करीब पंद्रह दिन पहले राज्य शासन ने रेल्वे विकास निगम को तकनीकी बीट का टेंडर पास किया था। वित्तीय टेंडर का इंतजार था जो दो दिन पहले खोल गया। वर्क आर्डर जारी होते ही मैट्रो रेल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इंदौर शहर के लिए एक अच्छी खबर मिली है कि रेल्वे विकास निगम मेट्रो रेल का निर्माण करेगा। यह निगम भारत सरकार का उपक्रम है, जिसे रेल्वे से जुड़ी हर तकनीकी विशेषज्ञता, वित्तीय, संचालन और गुणवत्ता से जुड़ी हर जानकारी है। इस उपक्रम के माध्यम से देश के कई राज्यों में रेल्वे के विकास कार्य चल रहे है। यहीं कारण है कि अकेले टेंडर में भाग लेने के बावजूद तकनीकी बीट का टेंडर पास हो चुका है।अब वित्तीय टेंडर पर भी शासन की मुहर लगना शेष है। इंदौर ही नहीं, रेल्वे विकास निगम भोपाल का भी कुछ हिस्से का निर्माण करेगा। वहां भी निगम ने तकनीकी विशेषज्ञ होने से पात्रता पाई है। इंदौर के एयरपोर्ट से आइएसबीटी तक 10.6 किलोमीटर हिस्से में निर्माण के लिए रेल्वे विकास निगम ने 1034 करोड़ टेंडर डाला है, शासन ने 1 हजार करोड़ रुपए लागत तय की थी। यह वित्तीय टेंडर भी मंजूर होने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो इंदौर में मेट्रो रेल का काम अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। यह काम निगम 2 साल में पूरा करेगा। उक्त 10.6 किलोमीटर के हिस्से में मेट्रो स्टेशन भी रेल निगम ही बनाएगा। कहने का तात्पर्य यह कि मेट्रो रेल लाइन का पूरा निर्माण रेल्वे निगम ही करेगा। वहीं आइएसबीटी से रोबेट चौराहे (मालवीय नगर) तक 6.25 छह किलोमीटर के हिस्से की निर्माण एजेंसी दिलीप बिल्डकॉन को दिया है, जिसने ने 3 साल में 2 प्रतिशत कार्य भी नहीं किया है। कंपनी के काम नहीं करने से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में इंदौर बहुत पिछड़ गया है, जिसको लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों में नाराजगी जाहिर की थी। दिलीप बिल्डकॉन के टेंडर को दो साल ओर समय बढ़ाने का राज्य सरकार ने पहले ही तय कर लिया है। इस हिस्से में मेट्रो रेल लाइन निर्माण पर 3 सौ करोड़ होंगे, जिसमें स्टेशनों के निर्माण उक्त एजेंसी को नहीं करना है। इस हिस्से के स्टेशन कौन बनाएगा, यह अभी तय नहीं है। पिछले दिनों में मेट्रो रेल को लेकर जो तेजी सरकार और अधिकारियों ने दिखाई है । उसी का परिणाम है कि वित्तीय टेंडर भी हो गया। अब सिर्फ वर्क आर्डर होने का इंतजार शेष है। संभवत: अक्टूबर में रेल विकास निगम एयरपोर्ट से आइएसबीटी तक के हिस्से का निर्माण शुरू कर देगा। आने वाले चार सालों बाद ही इंदौर में मेट्रो की रफ्तार आम आदमी को देखने के लिए मिलेगी। सबसे पहले गांधी नगर से मुमताजबाग तक का पूरा ट्रेक खाली है और यहां पर पिछले दिनों कुछ पेड़ों को हटाया भी गया है। हालांकि अभी इंदौर मेट्रो को लेकर न कोच के लिए कोई आर्डर जारी हुए हैं और न ही स्टेशनों का डिजाइन भी फायनल हुआ है।

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