शहर की सेटेलाइट इमेज के बाद मैदानी सर्वे प्रारंभ होगा

2035 मास्टर प्लान सर्वे का काम पूरा... 79 गांव नये मास्टर प्लान में शामिल...

इंदौर। नए मास्टर प्लान में शहर की सीमा से लगे 79 गांवों को शामिल करने के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। इन गांवों को मास्टर प्लान में जोड़ा जाना है। इसके लिए इन सभी गांवों की वर्तमान भूमि के उपयोग और भविष्य में इनमें किए जाने वाले परिवर्तन को लेकर डाटा एंट्री पूरी हो चुकी है। अब इन सभी गांवों की रेरा में इंट्री के बाद दावे-आपत्तियों के लिए प्रकाशित होना है। यह मास्टर प्लान 2035 के लिए तैयार किया जा रहा है। मास्टर प्लान में शामिल गांवों में से सबसे ज्यादा देपालपुर और सांवेर विधानसभा के गांव शामिल हो रहे हैं। राऊ को लेकर अन्य योजनाएं आ रही हैं, अत: यहां के गांव मास्टर प्लान में शामिल नहीं किए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार इंदौर के मास्टर प्लान को लेकर इस बार बड़े पैमाने पर सर्वे और भूमि के संबंध में जानकारियां एकत्रित की गई हैं। 2035 तक के लिए बनने वाले इस मास्टर प्लान का काम नगर नियोजन विभाग (टी एंड पीसी) द्वारा किया जा रहा है। इस मास्टर प्लान में 79 वे गांव शामिल किए गए हैं, जो नगरीय सीमा से लगे हुए हैं या नगर की सीमा में शामिल हो गए हैं। नया मास्टर प्लान 2035 के बाद लागू होना है। जो गांव मास्टर प्लान में शामिल किए गए हैं, उनमें गारीपिपलिया, सोनगुराड़िया, ऊपरीनाथा, बोरिया, मुरादपुरा, जस्सा कराड़िया, सिलोटिया, फूलकराड़िया, पानोड़, बिशनखेड़ा, हासाखेड़ी, धन्नाय, सोनगीर, संघवाल, बड़ोदियाऐसा, बीजूखेड़ी, अर्जुन बड़ौद, सिंगावदा, नौगांव, राजपुरा, रैयतपुरा, पलासिया, कदवालीबुजुर्ग, शिलाखेड़ी, मुडलाबाद, पंचडेरिया, पांड्या बजरंग, रामपिपल्या, आमनीखेड़ा, टोंडी, खाकरोड, पीलियाहैदर, पुरवाड़ा जुनादा, पितावली रिंगनोदिया, कांकरिया, बोरियाखजूरिया, हातोद, सांवलियाखेड़ी, धरनावद, पिपलियात्फा, मूंडला दोस्तार, राजधरा, बुरानाखेड़ी, कपास्याखेड़ी, छिटकाणा, तिल्लौरखुर्द, असरावदखुर्द, मूंडलादोस्तगार, खतरीखेड़ी, झलारिया, बेगमखेड़ी, रामगढ़, अम्बामाल्या, चौहानखेड़ी, हिंगोनियाखुर्द, बड़ी कलमेर शामिल हैं। प्रशासन ने इन 79 गांवों को नगर नियोजन विभाग के योजना क्षेत्र में शामिल करने का निर्णय लिया है, उनमें सबसे अधिक देपालपुर और सांवेर विधानसभा के गांव आ रहे हैं। दूसरी ओर औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए देपालपुर के चौंतीस गांव भी शामिल किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि अभी इन सभी क्षेत्रों में बेतरतीब विकास हो रहा है। पिछले दिनों उनतीस गांव, जो शहर की सीमा में शामिल हुए हैं, उनमें से भी अठारह गांव सांवेर विधानसभा के ही हैं। उल्लेखनीय है कि 2008 में लागू हुआ मास्टर प्लान 2021 तक के लिए बनाया गया था, जो इस साल समाप्त हो रहा है। नए मास्टर प्लान की दो साल बाद जरूरत होगी। नए मास्टर प्लान के लिए भूमि उपयोग के निर्धारण हेतु पूरे शहर का बेसमैप तैयार हो रहा है। हर आवासीय इकाई की मैपिंग होगी। इस महीने शहर की सेटेलाइट इमेज मिलने के साथ ही शहर के सभी हिस्सों का मैदानी सर्वे भी प्रारंभ हो जाएगा। इधर विमानतल के विस्तार को लेकर २३०० एकड़ जमीन के प्रावधान की बात कही गई है जबकि विमानतल के आसपास १५ किमी तक सभी गांव जोड़ लिए जाएंगे तो भी इतनी जमीन नहीं उपलब्ध हो पाएगी।

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