अब शहर में बनेंगे हॉकर्स जोन : कितने ठेले खड़े हो सकेंगे, योजना नहीं बनी

शहर का यातायात सुधारने की कवायद

इंदौर। शहर में शीघ्र ही गोपुर चौराहा पर नया हॉकर्स जोन आकार लेगा। यहां कितने ठेले खड़े रहेंगे और कितने लोग फुटपाथ पर बैठकर धंधा कर सकेंगे, इसे लेकर कोई आंकड़ा नहीं है। हॉकर्स जोन की योजना के पीछे मूल कारण बेतरतीब यातायात को सुधारना है। इस तरह के जोन सभी वार्डों में बनाने पर ही ट्रेफिक व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हो सकता है। लेकिन सभी जोनों में यह बनना मुश्किल होगा। यह शहर का पहला हॉकर्स जोन होगा।
निगम की शहर में सैकड़ों एकड़ जमीन रिक्त पड़ी है। इन जमीनों को ढूंढने में लगा हुआ है। कल जिस हॉकर्स जोन का निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने निरीक्षण किया, उसका प्रस्ताव पांच साल पहले का है। पूर्व महापौर मालिनी गौड़ ने इन व्यापारियों की पीड़ा समझने के बाद उक्त निर्णय लिया था। इसके बाद परिषद खत्म होने से योजना पर विराम लग गया था। निगमायुक्त ने चार माह पहले इसका काम फिर शुरू करने के आदेश दिए थे। लगातार जोन का काम होने लगा। 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस माह के अंत तक हॉकर्स जोन में ठेले वाले खड़े रहने लगेंगे। हालांकि, सभी ठेले व फुटपाथ वाले यहां खड़े रहें, ऐसा संभव नहीं। क्योंकि, एक ही स्थान पर अत्यधिक मात्रा में ठेले खड़े रहने से धंधा भी प्रभावित होगी। यही कारण है कि जोन की उपयोगिता पर सवाल खड़े हो जाएंगे।

मूल कारण ट्रेफिक सुधार
गोपुर चौराहा पर वाहन का अत्यधिक दबाव बना रहता है। इस दबाव को कम करने में यह हॉकर्स जोन मिल का पत्थर साबित होगा। अन्नपूर्णा मुख्य मार्ग एवं फुटपाथ पर पथ विक्रेताओं द्वारा व्यवसाय करने के कारण आमजनों को आवागमन में काफी परेशानी व कठिनाई होती है। साथ ही उक्त क्षेत्र में दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है। उक्त क्षेत्र में यातायात में बाधा होने के संबंध में लगातार शिकायतें भी प्राप्त होती रहती है। उक्त स्थिति को देखते हुए हॉकर्स जोन बनने व यहां पर पथ विक्रेताओं को स्थान आवंटित होने से अन्नपूर्णा मुख्य मार्ग पर आवागमन सुगम होने के साथ ही क्षेत्रीय नागरिकों को समीप ही आवश्यकता का सामान मिल सकेगा।

मध्य क्षेत्र के फुटकर विक्रेता होंगे लामबंद, करेंगे आंदोलन
इंदौर। मध्य क्षेत्र के फुटकर विक्रेताओं को बाहर का रास्ता दिखाने के बाद वे लामबंद हो गए हैं। उन्होंने निगम को चुनौती दी है कि यदि उन्हें उचित जगह नहीं दी गई तो वे बाजार में ही धंधा करेंगे। सालों से बाजार में धंधा करते आए हैं। ट्रेफिक व्यवस्था बिगाड़ने में वाहन के बेतरतीब ढंग से वाहनों को पार्क करना है। इसके बावजूद फुटकर विक्रेताओं पर ट्रेफिक बिगाड़ने का दोष मढ़ा जा रहा है, जो उचित नहीं है।
सराफा, रेडिमेड और बरतन बाजार एसोसिएशन ने बाजार के बेहतर यातायात के लिए ठेला और फुटपाथ पर धंधा करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाने निगमायुक्त से मुलाकात की थी। निगमायुक्त ने व्यापारियों की पीड़ा सुनकर ठेले वालों को खदेड़ना शुरू कर दिया। हालत यह हो गई की इन छोटे दुकानदारों का रोजगार कमजोर पड़ गया। यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में उनके सामने पेेट भरने का संकट खड़ा हो जाएगा। पिछले तीन दिन से ठेले वाले यहां से बेदखल हो रहे हैं। हालांकि, ठेले वालों के बाजार से बाहर होने के बाद भी मध्य क्षेत्र में यातायात जस का तस बना हुआ है।

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