अरुण कुमार के प्रदेश आगमन के साथ अगस्त में सुहास भगत की रवानगी तय

नए संगठन मंत्री के साथ बदलेंगे संगठन के कई समीकरण

इंदौर। मध्यप्रदेश में अब संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय हौसबोले ने अपने समीकरण राजनीति में कसना शुरू कर दिए और उसी के तहत अरुण कुमार को भाजपा की जवाबदारी दी जाने के साथ यह भी तय हो गया कि प्रदेश के संगठन मंत्री जिन्हें अगस्त में 5 साल पूरे हो रहे हैं, उनकी रवानगी भी राष्ट्रीय स्तर पर किसी पद पर हो जाएगी। वहीं दूसरी ओर नए समीकरण में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु शर्मा और मजबूत हो जाएंगे।
अरुण कुमार इसके पूर्व जम्मू-कश्मीर के प्रांत प्रचारक भी रह चुके हैं। धारा 370 और आतंकवाद पर उनकी जानकारी दूसरे नेताओं से भिन्न है। अरुण कुमार को भाजपा और संघ के समन्वय की जवाबदारी देने से अब यह तय हो गया कि अब मध्यप्रदेश में राजनीतिक परिवर्तन तेजी से होंगे। वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु शर्मा और मजबूत होंगे। उल्लेखनीय है कि अरुण कुमार पिछले चार वर्ष से भोपाल के संविदा कार्यालय में रहते थे। उनसे भाजपा के नेताओं से संपर्क भी कम था। अब प्रदेश में संगठन में भी अरुण कुमार का प्रभाव देखने को मिलेगा, वहीं संगठन सुहाग भगत के प्रभाव से मुक्त होता हुआ भी दिखेगा। सुहास भगत उस समय सबसे ज्यादा विवादों में थे, जब उन्होंने बिना किसी सहमति के 12 जिलों में नगर अध्यक्ष नियुक्त कर दिए थे। बाले-बाले की गई नियुक्ति में इंदौर के गौरव रणदीवे भी शामिल थे। जहां सुहास भगत की रवानगी हो रही है, इसी के साथ इंदौर के संभागीय संगठन मंत्री जयपाल चावड़ा की रवानगी भी हो जाएगी। चावड़ा विदिशा से ही अपनी कार्यप्रणाली को लेकर विवादों में रहे थे। वहीं अब प्रदेश के नए संगठन मंत्री के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से ही नए नाम की घोषणा होने जा रही है। अब यह भी तय हो गया है कि संगठन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ज्यादा प्रभावी तरीके से हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे।

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