१० ग्राम सोने के जेवर पर अब देना होगा १२.५ ग्राम के पैसे

पुराना सोना बेचना अब नहीं होगा आसान, एक्साइज ड्यूटी भी देना होगी

इंदौर। सोने के कारोबार में अब सरकार ने हॉलमार्क और 916 दोनों को ही  शुद्धता की गारंटी के लिए आवश्यक कर दिया गया है। इंदौर के सोना-चांदी कारोबारी कह रहे है कि अब इसका असर सीधे जेवर बनाने के लेबर पर पड़ेगा यानि 10 ग्राम सोने के जेवर जब खरीदेंगे तो साढ़े 12 ग्राम तक के पैसे लग जाएंगे। दूसरी ओर घर का पुराना सोना भी यदि बेचने की कोशिश की जाएगी तो उसकी प्रक्रिया इतनी जटिल होगी कि अब पुराना सोना बेचना असंभव होगा। अब इसे बेचने का पूरा रिकॉर्ड भी सुनार को रखना होगा। साथ ही एक्साइज ड्यूटी भी देनी होगी। सराफा कारोबारी अब इसमें गलियां तलाश रहे है। कई छोटे कारोबारी अब इस कारोबार से बाहर हो जाएंगे।
केन्द्र सरकार ने कल देर रात से स्वर्ण आभूषण और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्क अनिवार्य किया है। कल सुबह से ही इसे लेकर सोना-चांदी कारोबारियों के बीच विचार-विमर्श चल रहा था। नए कामकाज के लिए अब पुराना सोना गलाना पड़ेगा। इससे भी बड़ा नुकसान कारोबारियों को होगा। कारोबारियों का कहना है कि इसका सीधा असर अब भाव पर दिखाई देगा यानि 10 ग्राम सोने के जेवर खरीदने पर लेबर के रूप में ढाई ग्राम के पैसे और ग्राहक को देने होंगे। इसका कोई विकल्प नहीं होगा। हॉलमार्क के लिए बेहद सख्त नियम है। 916 के लिए सोना 91.60 प्रतिशत शुद्ध होना चाहिए। इसे 22 कैरेट में माना जावेगा और 23 और 24 कैरेट सोने में केवल बिस्किट ही मिलेंगे। शुद्ध सोने के जेवर नहीं बन सकते है। वहीं दूसरी ओर 18 कैरेट के आभूषण के लिए 75 प्रतिशत सोना शुद्ध होना अनिवार्य कर दिया गया है। पहले पुराना सोना खरीदने पर रोक लगा रखी थी, परंतु अब सरकार ने इसमें राहत देते हुए अनुमति दे दी है। परंतु इसके साथ ही इसमें भी नए पेच है। सोने को खरीदने के बाद गलाया जाएगा और इसे 100 प्रतिशत शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद ही इसकी कीमत होगी और इस पूरी प्रक्रिया पर एक्साइज भी लगेगा। इधर कारोबारियों का यह भी कहना है कि अब सोने-चांदी के कारोबार में बड़े खिलाड़ी ही बचेंगे जो सोने में मिलावट की गलियां जानते हैं और हॉलमार्क भी ले लेते है। पहले भी यह 5 प्रतिशत का ही धंधा रह गया था। दूसरी ओर हालमार्क लेने की प्रक्रिया में भी समय लगता है। यदि ग्राहक अपनी सुविधा अनुसार डिजाइन के जेवर तय करता है। ऐसे में छोटे दुकानदार अब ग्राहक को रोक नहीं पाएंगे। इसका असर सीधे कारोबार पर दिखाई देगा।
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