चार दुकानदारों ने तहस-नहस कर रखा है चिमनबाग चौराहे का यातायात
आधी सड़क तक वाहन खड़े करवाकर दुकानदार कर रहे हैं कारोबार
इंदौर। एक ओर जहां महापौर से लेकर यातायात पुलिस पूरे शहर के यातायात को आसान करने के लिए हर दिन दावे कर रही है वहीं ठीक शहर के मध्य चिमनबाग पर पचास हजार से ज्यादा वाहनों को निकलने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। शाम को तो स्थिति यह हो जाती है कि वाहन यहां रेंगते हुए देखे जा सकते हैं। इसी चौराहे से निकलने वाली सिटी बसों को भी बस निकालने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि चौराहे पर एक चौकी बना रखी है पर वह केवल पुलिसकर्मियों की सहायता के लिए ही बनी हुई है।
चौकी के आसपास ही वाहनों का अंबार लग रहा है और वे केवल चालान बनाकर वसूली में व्यस्त रहते हैं। सिटी बस के ड्रायवरों ने भी कई बार इस चौराहों को लेकर शिकायतें की है। दूसरी ओर जेल रोड़ एकांगी होने के कारण कोठारी मार्केट जाने के लिए काछी मोहल्ले से कलाली मार्ग होते हुए ही जाना पड़ता है। एक भी पुलिस अधिकारी इस मार्ग से सामान्य स्थिति में वाहन निकाल ले तो उसका सम्मान होना चाहिए। इस मार्ग पर भी केवल वाहन फंसे हुए देखे जा सकते हैं। indore traffic news
शहर के यातायात को सुधारने के लिए कागजों पर महापौर से लेकर प्रशासन तक सक्रिय दिखाई दे रहा है कोई ई-रिक्शा के मार्ग तय कर रहा है तो कोई चालान बना रहा है परंतु सड़कों पर हो रहे कामकाज को कोई नहीं देख रहा है। चिमनबाग चौराहे पर फाफड़े की दुकानों पर वाहनों की भीड़ आधे से ज्यादा सड़क इस प्रकार घेर लेती है कि केवल आधी से कम सड़क ही निकलने के लिए मिल रही है और इससे निकलने वाले वाहनों की संख्या हर दो मिनिट में सौ से ज्यादा है। यहां पर शाम चार बजे से लेकर सात बजे तक सड़क पर खड़े होने वाले वाहन जाम लगा रहे हैं। फाफड़े की दुकान भी सड़क तक आ गई है।
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कुछ यही स्थिति अन्य दुकानों की भी हो गई है कि उनके वाहन भी पूरे सड़क को घेर रहे हैं। जबकि फुटपाथ दस फीट से ज्यादा चौड़ा पहले से ही बना हुआ है जिसपर दुकानों का सामान रखा हुआ है। इस मामले में शिकायतें यातायात विभाग से लेकर नगर निगम तक को की गई है। फाफड़े की दुकानों से चौकी पर बैठने वाले पुलिसकर्मी हर माह एक राशि ले रहे हैं इसके कारण ही चौकी तक भी दिखाई नहीं देती है। वहीं दूसरी ओर दस हजार से अधिक वाहन हर दिन उषा फाटक, काछी मोहल्ले होते हुए कोठारी मार्केट की ओर जाते हैं यह सड़क २० फीट की भी नहीं है और इस पर भी सड़कों पर ही दुकानें लगी हुई है। आज तक यातायात विभाग के किसी अधिकारी ने इस गली में वाहनों को निकलने के लिए हो रहे संघर्ष को लेकर कोई भी प्रयास नहीं किया है।
नगर निगम भी इस गली में झांकने नहीं आती है। परिणाम यह हो रहा है कि चिमनबाग चौराहे पर हर दिन शाम को अच्छा खासा जाम लग रहा है। वहीं शुक्रवार के दिन नमाज के कारण चौराहे पर दोनों तरफ वाहनों का अंबार लग जाता है। शहर में इन दिनों पार्किंग खाली कराने के मामले में तलघर को सील किये जा रहे हैं पर दूसरी ओर शहर के मुख्य मार्गों की सड़कों की दुर्दशा से कोई भी आमने सामने होने की स्थिति में नहीं है।