संजय जैसवानी द्वारा कई लोगों के साथ धोखाधड़ी का मामले भी सामने आने लगे
सीए अपहरण मामले में अब गोली टाफी कारोबारी की मुश्किलें ओर बढ़ी
इंदौर। सीए निशिथ नाहर को बंधक बनाकर मारपीट करने वाले गोली टाफी कारोबारी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। जबसे थाने में शिकायत हुई है, लगातार नई-नई चौकाने वाली जानकारियां सामने आने लगी है। कारोबारी संजय जैसवानी ने जिनके साथ धोखाधड़ी की है, वे पुलिस के पास पहुंचने लगे हैं।
शासन तक जैसवानी की करतूतें पहुंच चुकी है। इस कारोबारी की प्रदेश के एक मंत्री, शराब कारोबारियों, बदमाशों से सीधे हिस्सेदारी है। यही कारण है कि पुलिस ने प्रकरण दर्ज करने के बाद उनकी गिरफ्तारी को लेकर रुचि नहीं दिखाई। हालांकि, कल मास्को के नागरिक ने जब पुलिस को शिकायती ज्ञापन दिया तो लसूडिय़ा थाने की पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने उसके बंसत विहार कालोनी स्थित घर पहुंची, लेकिन आरोपी नहीं मिल पाया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने भी ट्वीट कर कथित मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सीएम से मांग की कि मामले की विस्तृत जांच की जाए। मॉस्को के नागरिक और जैसवानी के साथ धंधा करने वाले गौरव अहलवात ने पुलिस के समक्ष जैसवानी व अन्य पर धोखाधड़ी, लूट, मारपीट का भी आरोप लगाया है। अहलावत के साथ एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मप्र (एआईएमपी) भी आ गया है। सभी उद्योगपतियों ने एकजुट होकर अहलावत के साथ जाकर आवेदन दिया। इसके पहले सीए को बंधक बनाने के मामले में सीए एसोसिएशन ने पुलिस आयुक्त को ज्ञापन दिया था। अहलावत ने संजय जैसवानी, उनके साले संजय कलवानी, भांजी कंचन जेवनानी, भांजे नितिन जेवनानी, संजय के भाई विजय जैसवानी, कई कंपनियों में डायरेक्टर दिनेश मनवानी के साथ ही जैसवानी के बाडी गार्ड जय माथे (जो सीए को बंधक बनाने केस में भी आरोपी है), सीसीटीवी काम देखने वाले संदीप, सेल्स देखने वाले नदीम, वेयरहाउस देखने वाले नीरज, कंसलटेंट यतींद्र जोशी व अन्य के खिलाफ शिकायत की है।
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यह कहा मास्को के नागरिक ने
अहलवात ने बताया कि साल 2012 से उसके जैसवानी से संबंध थे। सोनीपत में जीआरवी बिस्किट्स कंपनी लगाई थी। बाद में प्रवासी भारतीय पहल से प्रोत्साहित होकर और कारोबार बढ़ाया। जैसवानी ने कच्चा माल में सस्ता होने की बात कहकर इंदौर में सितंबर 2018 में जीआरवी बिस्किटस कंपनी शिफ्ट करवा ली। इसमें जैसवानी की ओर से डायरेक्टर संजय कलवानी को बनाया। बाद में बिना पूछे जुलाई 2024 में भांजे नितिन को भी डायरेक्टर बना दिया। बैंकिंग, फाइलिंग के लिए भांजी कंचनी को जिम्मेदारी दी। नौ सितंबर 2024 को कंचन ने मेरा मोबाइल लिया और कहा कि कुछ लीगल फॉर्मेलिटी करना है। मैंने बाद में पूछा क्या हुआ तो नहीं बताया ना कंसलटेंट यतींद्र ने कुछ बताया ना ही जैसवानी ने।
घुसने से मना कर दिया
फिर 11 सितंबर को गार्ड ने फैक्टरी में नहीं घुसने दिया बोला कि जैसवानी ने मना किया है। मैं उनके घर बसंत बिहार गया तो धमकाया कि सारे शेयर मुझे दे दो, नहीं तो जान से मार दूंगा। इसके बाद मेरे घर 222 बसंत बिहार में दिनेश मनवानी, संदीप, नदीम, नीरज यह सभी आए और मोबाइल, लैपटॉप यह सभी ले गए और धमका गए बाहर मत निकलना। सभी आए और मोबाइल, लैपटॉप यह सभी ले गए और धमका गए बाहर मत निकलना।
सीए से मिलने जाएंगे दिग्विजयसिंह
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी सोशल मीडिया पर ट्वीट कर सवाल उठाया है कि उद्योगपति संजय जैसवानी को हर किसी को बंधक बनाने का अधिकार किसने दे रखा है। एफआईआर तो दर्ज हो गई, इसके लिए धन्यवाद। लेकिन, गिरफ्तारी नहीं हुुई। उन्होंने यह भी पूछा है कि क्या मंत्रीजी का दबाव है। साथ ही मुख्यमंत्री से यह पूछा है कि संजय जैसवानी के यहां मंत्री का कितना पैसा फंसा हुआ है, पता लगाएं, मामला बड़ा है। इंदौर आने पर वे सीए से मिलने भी उनके घर जाएंगे।