80 प्रतिशत कॉलेजों में डॉक्टर बन रहे हैं भगवान भरोसे

700 मेडिकल कॉलेजों में से 600 में न उपकरण न विषय विशेषज्ञ

Doctors are being made in 80 percent of the colleges by God's trust, out of 700 medical colleges, 600 have neither equipment nor subject experts.
Doctors are being made in 80 percent of the colleges by God’s trust, out of 700 medical colleges, 600 have neither equipment nor subject experts.

नई दिल्ली (ब्यूरो)। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में बन रहे डॉक्टरों को लेकर जो रिपोर्ट जारी हुई है वह बता रही है कि देश के डॉक्टरों को बनाने का काम करने वाले मेडिकल कॉलेज सबसे ज्यादा बीमार हो गए हैं, इनमें से कई कॉलेज में खस्ता हाल भवन के साथ ना तो विषयों के विशेषज्ञ पढ़ा रहे हैं, दूसरी ओर कई प्रायवेट कॉलेज कागजों पर ही नियुक्तियां देकर कॉलेज चला रहे हैं। इसी के साथ मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में फर्जी तरीके से मरीजों को भर्ती कर अपना काम चलाया जा रहा है। आने वाले समय में देश के स्वास्थ्य की रीढ़ माने जाने वाले डॉक्टर खुद भगवान भरोसे डिग्री लेकर बाहर आ रहे हैं।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने देशभर के 700 से अधिक प्रायवेट और सरकारी मेडिकल कॉलेजों को जांचने के बाद जो रिपोर्ट दी है उसके अनुसार हर 5 में से 5 मेडिकल कॉलेजों के बुरे हाल हैं। इनमें कई जगह ना तो मेडिकल के उपकरण देखने को मिल रहे हैं तो कई कॉलेजों में विषयों के विशेषज्ञ दिखाने के लिए कागजों पर भर्ती कर रखे हैं जो पढ़ाने ही नहीं आते हैं। Doctors

मेडिकल कॉलेजों का पूरा ढांचा ही बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। वहीं प्रायवेट कॉलेज से बन रहे डॉक्टरों को और भी शिकायतें हैं क्योंकि उन्हें न तो स्टायफंड मिल रहा है और इसी के साथ साप्ताहिक छुट्टी भी नहीं दी जा रही है। इसके अलावा कॉलेजों में रेकिंग के नाम का नासूर भी बड़ा नुकसान छात्रों का कर रहा है।

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आयोग ने सरकार को दी रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि इन कॉलेजों पर जब तक लगाम नहीं लगाई जाएगी तो आने वाले समय में यहां से निकलने वाले डॉक्टरों को अनुभव और ज्ञान की भारी कमी का सामना करना पड़ेगा। हालत यह है कि एमबीबीएस डाक्टर डिग्री लेने के बाद अनुभव के लिए अन्य छोटे अस्पतालों में 10 से 15 हजार रुपए महीने पर काम कर रहे हैं। 300 कॉलेज में साथ में लगे अस्पतालों में मरीजों की संख्या ही नहीं है। दौरे के समय यहां फर्जी तरीके से पैसे देकर मरीजों को भर्ती किया जाता है। Doctors

आयोग ने अनुशंसा की है कि ऐसे कॉलेजों में जहां बन रहे डाक्टरों के लिए उपकरण और विषय विशेषज्ञ पूरे नहीं हैं। यहां पर 10 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक जुर्माना लगाया जाना चाहिए। इसके अलावा मेडिकल कालेजों में सीटें बढ़ाने को लेकर चल रहे बड़ी जालसाजी को भी रोका जाना चाहिए। इन कालेजों में सीटें कम कर देनी चाहिए।

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