सीबीएसई स्कूलों में हर बार बढ़ रही हैं फीस, नहीं देते जानकारी

स्कूल संचालकों को अब कल तक बताना है ली जा रही बढ़ी हुई फीस

Fees are increasing every time in CBSE schools, they do not give information.
Fees are increasing every time in CBSE schools, they do not give information.

इंदौर। शहर के निजी स्कूल संचालकों को कल 8 जून को फीस वृद्धि को लेकर जानकारी देना है। यह जानकारी कलेक्टर के साथ माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड के पोर्टल पर भी अपलोड करना होगी। 8 जून तक जानकारी नहीं देने पर पेनल्टी लगाई जाना भी प्रस्तावित है। जबलपुर हाईकोर्ट ने सीबीएसई स्कूल की फीस वृद्धि को लेकर आदेश जारी किए थे। इसके परिपालन में माध्यमिक शिक्षा मंडल ने भी निजी स्कूल संचालकों की मनमानी पर अंकुश लगाने फीस को लेकर जानकारी मांगी है। समयसीमा नजदीक होने से स्कूल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि निजी स्कूलों में हर साल फीस की वृद्धि मनमाने ढंग से की जाती है, जिससे पालकों को आर्थिक नुकसान होता है। जबकि फीस वृद्धि को लेकर बोर्ड ने गाइड लाइन जारी की है। कोई भी संचालक गाइड लाइन का अक्षरश: पालन नहीं करता। फीस बढ़ाने के कई तरीके संचालक अपनाते हैं। 10 माह की फीस लेने का कहकर 12 माह की फीस वसूल लेते हैं। दो माह की फीस के लिए वे समर कैम्प, बसों का किराया व अन्य राशि में बढ़ोतरी कर वसूलते हैं। पालक इससे अनभिज्ञ रहता है। एक स्कूल संचालक ने बताया कि फीस वृद्धि की जानकारी शुल्क के साथ देना अनिवार्य है। 500 बच्चे होने पर शुल्क 1000 रुपए, 1000 से 1500 बच्चे होने पर 2 हजार तथा इससे अधिक बच्चे अध्ययनरत होने पर शुल्क की राशि 2000 रुपए रखी गई है। Fees are increasing 

समयसीमा में जानकारी नहीं देने पर शुल्क की राशि पांच गुना वसूली जाएगी। प्रशासन ने यह जानकारी वर्ष 21 से 24 तक संचालित स्कूलों से मांगी है। शहर में कई बड़े व प्रसिद्ध स्कूल हैं, जिनकी फीस प्रतिवर्ष लाखों रुपए में हैं। ऐसे स्कूलों को भी प्रशासन ने नोटिस देकर जानकारी देने को कहा है। इन स्कूलों में ड्रेस, जूते, खेलकूद को लेकर भी पालकों से मनमानी राशि वसूली जाती है। कई स्कूल संचालक तो समाचार पत्रों में इस संबंध में विज्ञापन भी जारी करते हैं।

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12 स्कूलों की जांच प्रक्रिया में

जिला शिक्षा अधिकारी मंगेश व्यास ने फीस वृद्धि को लेकर शहर के 12 स्कूुलो की जांच शुरू कर दी है। जांच पूरी होने के बाद विस्तृत रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा मंडल और शासन को सौंपी जाएगी। इसके बाद शेष स्कूलों की जांच को लेकर शिक्षा विभाग की टीम निकलेगी।

पोर्टल में आ रही परेशानी

कुछ स्कूल संचालकों ने फीस संबंधी जानकारी देना शुरू कर दिया है। इसके लिए वे शिक्षा विभाग के पोर्टल पर जा रहे हैं, लेकिन पोर्टल पर परेशानी आ रही है। संकुल प्रभारी और जिला शिक्षा अधिकारी भी संचालकों की मदद नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वे पोर्टल की बजाए ग्रुप में मैसेज कर सकते हैं।

समयसीमा बढऩे की संभावना

कलेक्टर के आदेश के बाद अब तक चंद स्कूल संचालकों ने ही अपनी जानकारी पोर्टल पर अपलोड की है। शेष स्कूल संचालर समयसीमा बढ़ोतरी करना चाहते हैं। क्योंकि, वर्तमान में स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश है। कम्प्यूटर आपरेटर अवकाश पर चल रहे हैं। अगला शैक्षणिक सत्र 15 जून से शुरू होगा। इसके बाद स्कूल स्टाफ भी आने लगेगा। तीन साल की जानकारी जुटाकर उसे अपलोड कर सकेंगे।

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