Sulemani Chai: इस हमाम में सब गंदे हैं…राजनीतिक रस्सी पर द्मश्चद्य का करतब…
इस हमाम में सब गंदे हैं…
इस बार समझ नही आ रहा है कि जिला वक्फ कमेटी के सदर ओर साँप, बिच्छू, अजगर, नेवले को अपने पिटारे में रखने वाले पठान क्या गुल खिला रहे है। दोनो कौम को फायदा पहुचने के नाम पर लंगोट जंाघिया पहन कर वक्फ के अखाड़े में खूब धमा चौकडी मचा रहे है। साथ ही कई करतब दिखा रहे है । पिछली कमेटियों में जहाँ पठान ने छावनी अंजुमन, मोरी वाली के साथ कई कमेटियों को महफूज़ किया था जिसमे तब ओर अब में बहुत काम हुवे, वही अब शेख भी अपनी शेखियो में पीछे नही जिसके तहत नाहारशाह वाली, नियाज अली, बड़वाली चौकी जिसमे बरसो से दुकानों का किराया सिर्फ 200, रुपये था उसे अब 1000, तक कराया गया है । इस सब पर दोनों लंगोटधारी कहते है कि हम सिर्फ कौम के खातिर दाव पेच दिखा रहे है । और वक्फ को फायदा पहुंचा रहे है। लेकिन दूसरी तरफ देखा जाय तो जो इनके पाले में आता है ये सिर्फ उसी का भला करते है । बाकी बेचारे चकरगिन्नि होते रहते है। अब ये गुट बाजी है या कौम की भला ये फैसला आप करे।
राजनीतिक रस्सी पर द्मश्चद्य का करतब…
शहर में कई बड़े और सफल आयोजन करने वाले खजराने के कप्तान इस बार फिर राजनीतिक रस्सी पर फिसलते नजर आए। कर्यक्रम बहुत सफल रहा । लेकिन इस बार खजराने के जनप्रतिनिधि अपनी नजर अंदाजी के अंदाज पर कप्तान से नाराज दिखे।पहले भी अपने कप्तान राजनीतिक रस्सी पर करतब लगाने में डगमगा चुके है , जिस्से कप्तान के व्यापारिक नफे नुकसान का गुना भाग बिगड़ते बिगड़ते बचा, ओर सेहत की दौड़ में सभी राजनीतिक हस्तियों को तवज्जो दी गई जिसके बाद गीले शिकवे दूर हुवे थे। लेकिन इस बार ये रस्साकशी कहा खत्म होगी कह नही सकते, वैसे कप्तान को सब सेट करना आता है। इसी के साथ किरकेट के बहाने किसी कर्यक्रम को इतने बड़े स्तर पर ले जाने को लेकर खजराने के कप्तान सुलेमनी सलाम के हकदार तो है।
खिलजी उड़ा रहे खिल्ली….
कल शाम शहर के अल्पसंख्यक नेता रेहान खिलजी की एक पोस्ट सोशल मीडिया पर बड़ी गर्दिश करती रही, जिसमे खिलजी वक्फ बोर्ड की कमेटियों और जिला अध्यक्षयों की वक्फ के पद के पहले और बाद की सम्पत्तियों की जांच की मांग कर बैठे , अब साहब जांच तो अच्छी बात है पर साहब उनकी इस बात को अगर प्रदेश अध्यक्ष ने सीरियस ले लिया तो पता नही किस किस का क्या क्या उतर सकता है । वैसे भी पटेल साहब अभी सर्जरी के मूड में है । खैर जांच हो जाये तो बेहतर है । जो ईमानदार सही काम करते है कम से कम वे तो शक की सुई से बच जयंगे।
रमजान में मस्जिद से हो खैर के काम…
रमजान के महीने आ रहा है , और इसमें मस्जिद कमेटी के वो मेम्बर भी मस्जिद में कामों को लेकर उछल-कूद मचाते दिख जाते हैं जो सालभर मस्जिद से दूर रहते हैं । अच्छी बात है मस्जिद में काम होने चाहिए। मस्जिद में ए सी, कूलर ,डक्ट, सोलर सिस्टम, झूमर, के खर्च को कम कर थोड़ा चंदा मिल्लत के गरीब तबके के लिए होना चाहिए। जिसमें गरीबों का राशन, यतीम बच्चों की पढ़ाई, और गरीब मरीजों की बीमारी के लिए खर्च हो। हर मस्जिद से एक मद तैयार होना चाहिए, जिससे चंदा देने और लेने वाले दोनों को तसल्ली मिले और खुदा की र•ाा का सबब बने।
९९७७८६२२९९