पंद्रह दिन बाद भी पकड़ से दूर तेंदुआ
आईआईटी कैंपस के स्टूडेंट्स और स्टाफ में दहशत

इंदौर (आशीष साकल्ले)। आईआईटी कैंपस में तेंदुए दिखाई देने के बाद वन विभाग व्दारा यहां पिंजरा लगाया गया था, लेकिन पंद्रह दिन बाद भी वे पकड़ से दूर हैं। इसके चलते, आईआईटी कैंपस के स्टूड्ेंट्स और यहा के स्टाफ में दहशत का महौल बना हुआ है। कैंपस में रहने वाले स्टाफकर्मी शाम ढलते ही अपने क्वाटर्स में कैद होने के लिए मजबूर हैं।
उल्लेखनीय है कि आईआईटी इंदौर लगभग 500 एकड़ के विस्तारित क्षेत्र में फैला हुआ है।
इसमें से लगभग सवा दो सौ एकड़ में घना जंगल है। बड़े-बड़े वृक्ष, झाड़ियों की वजह से अक्सर यहां पर जंगली जानवर विचरण करते रहते हैें। इसी के चलते, तेंदुए भी अक्सर शिकार के लिए इधर मूवमेंट करते हैं। बताया जा रहा है कि लंबे अरसे बाद एक बार फिर यहां पर इनका मूवमेंट नजर आया है। इसके चलते, आईआईटी के स्टूडेंट्स, स्टाफ के साथ ही यहां पर आवाजाही करने वालों में खौफ एवं दहशत व्याप्त है।
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अक्टूबर में ही दो बार नजर आए
आईआईटी इंदौर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, यहां के सुरक्षा गार्ड ने सबसे पहले 22 अक्टूबर की रात तेंदुए को देखा था। इसके एक सप्ताह बाद ही यह तेंदुए 29 अक्टूबर को पुन: नजर आए। इसकी जानकारी लगने पर आईआईटी प्रबंधन व्दारा वन विभाग को सूचना दी गई। इसके बाद, वन विभाग ने यहां पिंजरा भी लगाया, लेकिन तेंदुए अभी भी पकड़ से दूर हैं। कुछ लोगों का तो यह भी कहना है कि तेंदुआ अकेला नहीं, बल्कि उनकी संख्या तीन है। अब देखना यह है कि आईआईटी इंदौर के स्टूडेंट्स और स्टाफ के साथ ही यहां आवाजाही करने वाले सैकड़ों लोगों को तेंदुए के खौफ से कब मुक्ति मिलती है।