शहर की बिगड़ी आबोहवा- वायू प्रदूषण का स्तर 300 एक्यूआई पर पहुंचा

करोड़ो खर्च करने के बाद भी नहीं मिल रही शुध्द प्राण-वायु

The city's climate worsened - air pollution level reached 300 AQI.
The city’s climate worsened – air pollution level reached 300 AQI.

इंदौर। अभी दीपावली में पांच दिन बाकी हैं, लेकिन शहर की आबोहवा फिर बिगड़ने लगी है। कुछ दिनों पहले तक अच्छी आबोहवा वाले शहर की हवा रविवार को पुअर कंडिशन में पहुंच गई। यदि यही हाल रहे तो दीपावली पर इंदौर के हालात भी दिल्ली की तरह हो सकते हैं। आश्चर्य तो इस बात का है कि करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी शहरवासियों को शुध्द प्राण वायु तक नहीं मिल रही है।

हालात कितने संगीन हैं, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि रविवार को हवा की गुणवत्ता 312 एक्यूआई मापी गई , जबकि दो दिन पहले शुक्रवार को यह173 एक्यूआई थी। वह भी उस स्थिति में जबकि अभी दीपावली को पांच दिन शेष हैं। इस मामले में जानकारों का कहना है कि शहर इन दिनों कंस्ट्रक्शन साइट मोड से गुजर रहा है। जगह-जगह खुदी पड़ी सड़कों पर त्यौहारी ट्रेफिक बढने के कारण शहर की आबोहवा बिगड़ रही है। अभी यह आबोहवा और बिगड़ेगी, क्योंकि दीपावली पर पटाखों और आतिशबाजी से प्रदूषण का स्तर भी खतरनाक रूप से बढ जाएगा।

क्या है वायु गुणवत्ता मापने के मापदंड..?=00-50 गुड, 51-100 सेटिसफेक्टरी, 101-200 माडरेट, 201-30े0 पुअर, 301-400 वेरी पुअर एवं 401 से अधिक सीवर। इधर, शहर में वाणु गुणवत्ता वेरी पुअर कंडीशन में होने के संबंध में जब इस प्रतिनिधि ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मेदारों से चर्चा की तो उनका कहना था कि जब भी हवा की गति कम होती है तो पार्टिकुलेट ्मेटर पर असर पड़ता है। हवा की रफ्तार कम होने से धूल के कणों का विकरण तेजी से नहीं हो पाता। इस वजह से एक्यूआई का स्तर बढ जाता है। शहर में भी जगह-जगह निर्माण कार्य चल रहे हैं, रोड खुदी पड़ी है, ट्रेफिक का दबाव होने से धूल उड़ रही है, इसनेे एक्यूआई को खतरनाक स्तर पर पहुंचा दिया है।

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170 करोड़ उड़ाने के बाद भी नही मिल रही शुध्द हवा- यहां पर यह भी महत्वपूर्ण तथ्य है कि शहर की आबोहवा को शुध्द करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ बायु कार्यक्रम के तहत तीन वर्ष में 200 करोड़ रुपए की राशि केंद्र सरकार से मिली। इसमें से लगभग 170 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं, लेकिन हालात सामने ही हैं। हालाकि, कुछ समय पहले इंदौर को वायु प्रदूषण नियंत्रण्र के मामले में नंबर वन का खिताब मिल चुका है, लेकिन नगर निगम एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते हवा की शुध्दता अब चुनौती देती नजर आ रही है। यदि समय रहते इस संबंध में कदम नहीं उठाए गए तो इंदौर की स्थिति भी दिल्ली की तर्ज पर किसी गैस चैंबर की हो जाएगी।

7 सेंटर पर मापी जाती है शहर की गुणवत्ता

मेेट्रो सिटी इंदौर मेों वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) मापने के लिए 7 केंद्र स्थापित किये गए हैं। इनमें एयरपोर्ट स्थित सेंटर, रेसिडेंसी सेंटर, रीजनल पार्क सेंटर, रीजनल पार्क सेंटर (नगर निगम), विजय नगर, छोटी ग्वाल टोली एवं मेघदूत नगर सेंटर शामिल हैं। इनमें से विजयनगर व रीजनल पार्क स्थित नगर निगम के सेंटर की मशीनें बंद पड़ी हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के छोटी ग्वालटोली सेंटर से पूरे शहर की वायु गुणवत्ता प्रदर्शित की जा रही । इसके अनुसार, शहर की आबोहवा वेरी पुअर कंडीशन अर्थात अत्यंत ही खराब हालत में है।

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