गुस्ताखी माफ़: दावेदारों का अखाड़ा बन गई एक नंबर…होर्डिंग को लेकर आमने-सामने…खाली हो रहे है भाजपा से सिंधिया समर्थक…

दावेदारों का अखाड़ा बन गई एक नंबर…

क्षेत्र क्रमांक एक में इन दिनों भाजपा में दावेदारों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। हालांकि पहले से ही यहां बड़ी कतार लग गई है। सुदर्शन बाबू एक चुनाव क्या हारे, उनके घर तक दावेदारों की लाइन लग गई। हालांकि विरोध करने वाले दिल्ली तक अमित शाह से मिलने की तमन्ना में दूसरे के खर्च पर दौरा करने की तमन्ना रख रहे है। अब मामला वापस निचली अदालत में पहुंच गया है। दूसरी ओर अब यहां एक और नए दावेदार का नाम पिछले कुछ दिनों से तेजी से सामने आया है और वह है संघ से जुड़े एवं माधव दृष्टि के कर्ताधर्ता गोपाल गोयल का। गोपाल गोयल पिछले एक सप्ताह से फेसबुक से लेकर सब जगह पर सक्रिय हो गए हैं। इसके अलावा उन्होंने कुछ बैठकें भी ले ली हैं। राजनीति में यदि कहीं धुआं उठ रहा है तो मान लेना चाहिए कि यहां कभी भी आग लग सकती है। हालांकि एक नंबर के बाकी दावेदार भी हलके-पतले नहीं हैं। ऐसे में यह भी देखना होगा कि सेहरा किसे बंधेगा। इधर सुदर्शन बाबू ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और वे आश्वस्त भी हैं। यह समझ नहीं आ रहा की गोपाल गणेश कहा से आ गए फसल कटते समय।

होर्डिंग को लेकर आमने-सामने…

पिछले दिनों क्षेत्र क्रमांक दो में बल्लेबाज विधायक आकाश बाबू के जन्मदिन पर वे हर मार्ग पर शोभायमान थे। कई मार्गों पर उनके जन्मदिन के उत्साह में बिजली के खंबे से लेकर मकानों की दीवारें भी भर चुकी थीं। सल्तनत में युवराज का जन्मदिन था तो धूमधाम से ही मनना था। इधर जन्मदिन के अगले दिन बजरंग नगर चौराहे पर लगे बड़े होर्डिंग को लेकर सीन में चेंज आ गया। इस क्षेत्र से कांग्रेस से चुनाव लड़ चुके बब्बू यादव के समर्थकों ने युवराज का होर्डिंग हटाकर उसकी जगह बब्बू यादव की भजन संध्या के होर्डिंग तान दिए। बात दरबार तक पहुंची। मामला फिर सभापति के दरवाजे पहुंचा। सभापति भी मैदान में आ गए। मामला रिश्तेदारी का भी था। अब समझौते के बाद फिर बब्बू यादव ने क्षमा मांगी और कहा कि होर्डिंग फ्लैक्स लगाने वालों ने हटा दिया होगा, परंतु इस बीच एक बात जरूर हुई कि कांग्रेस के प्रतिपक्ष नेता को विवाद की खबर जैसे ही लगी, वे पूरे तामझाम के साथ बब्बू यादव के साथ मिलकर किला लड़ाते रहे। इधर भाजपा के दिग्गज मैदान में कहीं नहीं दिखे। छोटे सिपाहियों से मोर्चा चलता रहा। लंबे समय बाद दो नंबर में अब कांग्रेस मोर्चों पर खड़ी दिखने लगी है।

खाली हो रहे है भाजपा से सिंधिया समर्थक…

भाजपा में जाने के बाद ज्योति बाबू के समर्थकों का उत्साह अब धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। ज्योति बाबू के दो समर्थक उनके साथ भाजपा में शामिल हुए थे, वे भी अब भाजपा के कार्यक्रमों से दूरी बना चुके हैं। पेलवान के अलावा दो और समर्थक अब भाजपा के कार्यक्रमों में नहीं दिखते हैं। इनमें से एक कट्टर समर्थक, जो ज्योति बाबू के क्षेत्र में चुनाव संचालन भी किया करते थे, उन्होंने राजनीति से ही मुक्ति पा ली है। इसके लिए वे ज्योति बाबू को पत्र लिखकर बता चुके हैं कि अब वे राजनीति करना नहीं चाहते हैं। इधर, अब केवल इंदौर में ज्योति बाबू के समर्थकों में केवल पेलवान ही अकेले झंडाबरदार बचे हैं। भाजपा के ताकतवर नेताओं का दावा है कि इस चुनाव के बाद ज्योति बाबू ही केवल अकेले भाजपा में बचेंगे और वे भाजपा की राजनीति ही कर पाएंगे। पिछली बार सांवेर में भाजपा के जितने नेता पेलवान को जिताने में जुटे थे, उसके 5 प्रतिशत भी इस बार देखने को नहीं मिलेंगे। यह समय बताएंगा कि आप यह सब होता देखेंगे। हालांकि भाजपा भी अभी उनके साथ हो गई है या वे अब खुद भाजपा के साथ हो गए हैं। भाजपा की अगली एक और सूची आने के बाद बाकी संकेत भी मिल जाएंगे कि उनकी राजनीति किस दिशा में होगी।

अयोध्या में झंझावत…

क्षेत्र क्रमांक चार में इस बार अयोध्या का चुनाव रोचक रहेगा। कांग्रेस के नगर अध्यक्ष के बाद अब कार्यवाहक अध्यक्ष को भी इसी क्षेत्र से बनाकर कांग्रेस ने इस क्षेत्र में अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कांग्रेस के दो दावेदार यहां पर दिख रहे हैं, इसमें सिंधी समाज के नेता राजा मानवानी को गोलू अग्निहोत्री का साथ मिल चुका है तो दूसरी ओर अक्षय बम अब क्षेत्र क्रमांक एक के विधायक संजय शुक्ला के खेमे में पहुंच गए हैं। इस क्षेत्र में भाजपा में भी बगावत के स्वर पहले से ही शुरू हो गए हैं। लगभग पंद्रह से अधिक भाजपा नेताओं ने यहां विरोध का बिगुल बजा दिया है। यह चुनाव क्षेत्र क्रमांक चार के लिए भी रोचक होगा, क्योंकि इस बार यहां के दोनों ही दावेदारों को कांग्रेस एक साथ गोलू अग्निहोत्री के नेतृत्व में तैयार कर रही है। जो भी हो, इस बार क्षेत्र क्रमांक चार का चुनाव मजेदार रहेगा।

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