अगस्त में सूखे के हालात 122 साल का रिकॉर्ड टूटा

18 लाख हेक्टेयर में फसलें पिछड़ गई

122-year record broken in drought conditions in August
122-year record broken in drought conditions in August

नई दिल्ली (ब्यूरो)। अगस्त माह में सामान्य से 40 प्रतिशत कम वर्षा ने 122 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। अभी तक देश भर में 90 मिलीमीटर वर्षा का आकंलन है और यदि स्थिति बदली तो भी 180 मिलीमीटर तक वर्षा होगी। इसके कारण देशभर में दहलन, तिहलन और कपास का रकबा 18 लाख हेक्टेयर से कम हो गया है तो दूसरी ओर धान का रकबा 15 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है, परन्तु बारिश के अभाव में यहां पर स्थिति विकट हो गई है। अगस्त मेें फसल पकने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और ऐसे में उसे पानी की जरूरत होती है, परन्तु देश के बड़े भाग में सूखे के हालात बन गए है।

ताजा आंकडे बता रहे है कि अगली खरीफ की फसल तक महंगाई दलहन के द्वारा ही आने जा रही है। दालों के भाव आने वाले समय में आसमान पर होंगे। 18 अगस्त तक मानसून की बारिश का आकलन बता रहा है कि दलहन का रकबा 12 लाख हेक्टेयर कम हो गया है। दूसरी ओर अब सरकार को दाल का आयात करना होगा, जो ओर महंगी कीमत पर होगा। वहीं तिलहन का रकबा भी 3 लाख हेक्टेयर पिछड़ गया है। कपास का रकबा ढाई लाख हेक्टेयर कम हो गया।

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केवल धान का रकबा 15 लाख हेक्टेयर आगेे है, परन्तु अगस्त में बारिश की मार ने पूरी फसल को बिगाड़ दिया है। अब धान की फसल का आंकडा क्या होगा सरकार भी बताने को तैयार नहीं है। जुलाई में जहां सामान्य से 6 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुई थी अगस्त में 18 अगस्त तक मानसून की बारिश 40 प्रतिशत तक पिछड़ गई है और इसने 122 साल का रिकार्ड तोड दिया है। 1 से 17 अगस्त तक 90.7 मिलीमीटर वर्षा औसत दर्ज की गई है।

इसके कारण पूरी परिस्थिति बदल गई है। एक सितम्बर से मानसून की विदाई शुरू हो जाती है। ऐसे में जिन क्षेत्रों से बेहतर फसल आनी थी वह सब सूखे की चपेट में आ गए है।

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