चिराग का भूखण्ड देने से इनकार, कारण बताया, हैप्पी की डायरियां अभी भी अधर में

बढ़ेगा कमेटी की सुनवाई का कार्यकाल, फरार भी पहुंचे न्याय के लिए डायरी लेकर

Chirag refused to give the plot, told the reason, Happy's diaries still in limbo
Chirag refused to give the plot, told the reason, Happy’s diaries still in limbo

इंदौर। उच्च न्यायालय द्वारा भूमाफियाओं से त्रस्त भूखंड पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए बनाई गई कमेटी की सुनवाई से जहां कुछ हद तक पीड़ितों को राहत मिलना शुरू हुई है वहीं अभी भी इसमें कई पेंच उलझे हुए हैं। सब एक दूसरे पर जवाबदारी ढोल रहे हैं। कालिंदी गोल्ड में 23 भूखंड दिए जाने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद भी चिराग शाह ने इन भूखंडों को दिए जाने से इनकार कर दिया है। इसी के साथ उन्होंने कमेटी के समक्ष आना भी बंद कर दिया है वहीं दूसरी ओर डायरियों पर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा प्लाट होल्डरों से वसूलने वाले हेप्पी धवन ने कुछ प्रकरणों का निपटारा कर कमेटी के समक्ष शपथ पत्र प्रस्तुत किए हैं।

इधर सेटेलाइट इन्फ्रा के नाम से डेढ़ लाख वर्ग फीट जमीन पर हुई रजिस्ट्रियां शून्य कराए जाने के बाद एक बार फिर यह मामला कमेटी के समक्ष सुरेश चोपड़ा ने प्रस्तुत किया था। इस मामले में अब कमेटी को बताया गया है कि तेजाजी नगर में शासन द्वारा एक एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। दूसरी ओर अब कमेटी का कार्यकाल केवल 4 दिन और बचा है। इसके बाद उच्च न्यायालय में रिपोर्ट पेश होनी है। माना जा रहा है कि अभी तक की कार्रवाई देखते हुए एक माह का समय और बढ़ाया जा सकता है।

पिछले डेढ़ माह से लगातार भूखंड दिलाने को लेकर फिनिक्स और कालिंदी गोल्ड के माफियाओं को लेकर कमेटी द्वारा हर दिन सुनवाई की जा रही है। इसमें अब तक लगभग 70 से अधिक लोगों को राहत मिल चुकी है जिन्होंने अपने शपथ पत्र कमेटी के समक्ष पेश किए हैं। अभी भी कालिंदी गोल्ड में भूखंड पीड़ितों को न्याय को रफ्तार नहीं मिल पाई है। यहां हेप्पी धवन और चिराग शाह को भूखंडो का निराकरण करना है। कालिंदी गोल्ड में चिराग शाह को उच्चतम न्यायालय द्वारा जारी की गई स्टेटस रिपोर्ट में 23 प्लाट देने के निर्देश दिए गए हैं। चिराग शाह के वकीलों का कहना है उनकी कोई जवाबदारी नहीं बनती है इसलिए वे भूखंड नहंीं देंगे। कमेटी के समक्ष भी वे बोल चुके हैं कि चाहें तो कार्रवाई करें। दूसरी ओर हेप्पी धवन की डायरियों का निराकरण अभी भी नहीं हो पा रहा है। हेप्पी धवन ने अभी 15 प्रकरणों में निराकरण कर शपथ पत्र कमेटी के समक्ष पेश किए हैं पर वे डायरियों पर उगाए 10 करोड़ रुपए को लेकर कुछ भी करने को तैयार नहीं हैं।

वहीं दो दिन पहले कमेटी के समक्ष पेश हुए सुरेश चोपड़ा ने सेटेलाइट इन्फ्रा में 50 हजार वर्ग फीट जमीन की डायरी प्रस्तुत की। इस बीच जब कमेटी को यह बताया गया कि तात्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने सेटेलाइट इन्फ्रा में गलत तरीके से की गई 31 लोगों की रजिस्ट्री को शून्य करते हुए इस जमीन पर कब्जा भी शून्य कर दिया है। इस मामले में शासन की ओर से ही सुरेश चोपड़ा व अन्य के खिलाफ आपराधिक प्रकरण तेजाजी नगर थाने में दर्ज कराया गया है। इसमें दोनों ही फरार हैं। दूसरी ओर कमेटी को अब केवल 3 और सुनवाई का मौका मिलेगा। 9 अगस्त को यह रिपोर्ट उच्च न्यायालय में पेश की जानी है। माना जा रहा है कि अभी तक चली कार्रवाई के बाद कमेटी को एक माह का अवसर और सुनवाई के लिए दिया जा सकता है।

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