सुलेमानी चाय – सनव्वर की आस्तीन में शौकत के नाप…आज़म खान हो गई आई के सोसाइटी…ऐकले चलो रे…सलीम पठान की दुम…
सनव्वर की आस्तीन में शौकत के नाप…
राजनीति नित नए काम सिखाती है, जब जिसमें रहता है, वजन तब उसके चलते है भजन । ऐसा ही मामला पिछले दिनों वक्फ बोर्ड में कांटों का ताज पहनने वाले प्रदेश प्रमुख के साथ देखने को मिला । पहले जो लोग शौकत की कटोरी से दूध पीकर मक्खन भी चट कर जाते थे, आज कल वे सनव्वर की आस्तीन में झूला झूल रहे हैं । ये शौकत के वो दुमछल्ले है जो वक्त निकलने के बाद दुम दबाकर गायब होने के हुनर जानते है। फिलहाल ये पटेल का भरोसा जीतने के लिए दूसरो के ऐब खोल रहे है। और अपनी दाल गलाना चाह रहे है,लेकिन जिस कुकर में दाल गलना है उसके आगे भी डॉ, लगा हुआ है, और डॉ के आगे डाक्टरी नहीं चलती। जिसका अंदाजा इन बेचारे चम्मचों को नही। वैसे भी सनव्वर हर कदम सोच समझ कर रख रहे है। क्योंकि दूध का जला छाँछ भी फूंक, फूंक, कर पीता है। कृपया नाप को नाप ही पड़े बाकी समझना क्या है ये आप जानो।
आज़म खान हो गई आई के सोसाइटी…
जब किसी को चुनाव हारने का सदमा और रसूख की मलाई खाने को नही मिलती तो दिमाग़ तेज़ चलना शुरू कर देता है। इतना तेज की पता ही नही चलता कि रास्ता सही है या गलत । आई के सोसायटी के पूर्व पदाधिकारी भी अपने दिमाग को तेज दौड़ा रहे है। चुनाव हारने और पद की चाशनी खत्म होने का सदमा इस कदर हावी है कि नई कमेटी के खिलाफ़ 58 से ज्यादा शिकायतें कर दी गई है। जैसे आई के सोसाइटी नही बल्कि यूपी के पूर्व मंत्री आजम खां हो गए है। जिन पर 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर दिए गए थे। स्कूल में तैनात अपने पुराने वफादारों को मोहरा बनाकर ये टीम अपना खेल जारी रखे हुए है। कुछ दिन पहले सोसाइटी के बस ड्राइवर को साधकर इन्होंने श्रम न्यायालय में भी शिकायत डलवा दी। वजह सिर्फ इतनी सी थी कि इनके करीबीयों की फीस माफी को सोसाइटी ने खारिज कर डाला था। हालांकि संस्था पहले ही गरीब बच्चों की जांच कर फीस में रियायत देती है। ये प्रदेश की एकमात्र संस्था है जो इतनी बड़ी तादाद में अपनी फीस में कटौती करती है। यही वजह है की दूसरे समाज की शैक्षणिक संस्थाएं आसमान छू रही हैं। वही मुस्लिम समाज की एकमात्र संस्था को अपने ही लोग आसमान से जमीन की तरफ धकेलने की जद्दोजहद में लगे हुए है।
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