डिफाल्टरों को फिर से लोन दिया जा सकेगा

16 हजार कर्जदार, 3.75 हजार करोड़ बैंकों का खाकर बैठे हैं, नहीं दे रहे

Loans can be given to defaulters again
Loans can be given to defaulters again

मुंबई। रिजर्व बैंक के ताजा आदेश के बाद बैंकों के हाथ-पांव फूल रहे हैं। रिजर्व बैंक ने 8 जून को जारी किए आदेश में बैंकों से कर्ज लेकर वापस नहीं करने वाले डिफाल्टरों से बैंकों को बातचीत कर उनके ऋण में समझौता कर 12 माह का समय देकर निराकरण करने के बाद उन्हें नए सिरे से लोन देने का प्रस्ताव भी दें।

देशभर में 16 हजार से अधिक विलफुल डिफाल्टर हैं जो सक्षम होने के बाद भी बैंकों का कर्ज जानबुझकर नहीं दे रहे हैं। इन लोगों ने बैंकों के 2 लाख 45 हजार 768 करोड़ रुपए हजम कर रखे हैं। रिजर्व बैंक के ताजा आदेश का मतलब यदि आपने 50 लाख का लोन लिया था तो बैंक आपके पास 30-35 लाख में समझौता कर एक साल का समय देकर आपसे पैसा ले ले।

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इस बीच यदि नए ऋण के लिए आप आवेदन लगाते हैं तो उस पर बैंक प्रक्रिया शुरू कर सकती है। रिजर्व बैंक के इस आदेश को लेकर बैंक अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में तो जो बैंक से लोन लेकर भर रहे हैं वे भी डिफाल्टर बनने के लिए तैयार हो जाएंगे। की जगह तो बैंक अधिकारी खुद ही डिफाल्टर तैयार कर देंगे।

बैंकों का ऐसे डिफाल्टरों के पास 3.45 लाख करोड़ रुपया वर्षों से उलझा हुआ है। इन डिफाल्टरों को विलफुल डिफाल्टर कहते हैं, यानी सक्षम होने के बाद भी वे पैसे भरने की नियत नहीं रखते हैं। रिजर्व बैंक के ताजा आदेश के बाद यदि बैंकों में 16 हजार डिफाल्टरों में से 8 हजार डिफाल्टर भी वापस आ गए तो वे अगली बार और बड़ी राशि लेकर बैंकों को चूना लगा देंगे।

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