मोनू और रिंकू भाटिया एक हुए, बाबी छाबड़ा से मोर्चा लेंगे

लंबे समय से गुरु सिंघ सभा और खालसा सोसायटी में खींची हुई है तलवारें

Indore Guru Singh Sabha elections
Indore Guru Singh Sabha elections

इंदौर। इंदौर गुरु सिंघ सभा के चुनाव अगस्त में होने वाले हैं परंतु उसके पहले ही एक बार फिर नये समीकरण जहां बनने लगे हैं वहीं दो दिन पहले श्री गुरु द्वारा प्रबंधक समिति अमृतसर के दो प्रतिनिधि समन्वय के लिए फिर इंदौर पहुंचे थे इसके पहले एक जत्थेदार जो समन्वय के लिए आये थे और राजनीति करने लगे थे उन्हें हटा दिया गया था इसके बाद दो अन्य समन्वयक भी किशोरी ढाबे पर चिकन खाने के मामले में हटाये जा चुके हैं। अब एक बार फिर दो और प्रतिनिधि चुनावी समन्वयक के लिए यहां पहुंचे हैं इधर एक दूसरे के घोर विरोधी रहे रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया के एक दूसरे से मिल जाने के कारण नये समीकरण बन गये हैं।

मोनू भाटिया रिंकू से अकेले मिलने पहुंचे और दोनों के बीच लंबी एकांत चर्चा भी हुई है। माना जा रहा है कि अब दोनों के मिल जाने से बाबी छाबड़ा को अलग थलक कर खालसा एजुकेशन सोसायटी पर कब्जे का प्रयास शुरु हो जायेगा।

सूत्रों के अनुसार इंदौर गुरु सिंघ सभा के चुनाव से पहले ही समाज में बड़ी उठा पटक देखी जा रही है। १३ अगस्त को होने वाले चुनाव से पहले जहां तीन पेनल मैदान में दिखाई दे रही थी और तीनों ही पेनल चुनावी तैयारियों में लग चुकी थी इस बीच अचानक मोनू भाटिया और रिंकू भाटिया के बीच हुए समझौते से मोनू के समर्थकों में चिंता हो गई है। उल्लेखनीय है कि रिंकू और मोनू भाटिया के परिवार के बीच पुरानी खींचतान लंबे समय से चली आ रही है। Indore Guru Singh Sabha elections

रिंकू भाटिया ने मोनू भाटिया के पिता गुरुदीपसिंह को चुनाव में बुरी तरह हराया था। रिंकू भाटिया ने मोनू से मुलाकात की पुष्टी की है और इसे सामान्य मुलाकात कहा है। दूसरी ओर दस साल से दोनों के बीच एक बार भी मुलाकात नहीं हुई थी। सूत्रों की माने तो मोनू ने खुद के लिए और अपने साथी सुरजीतसिंह टूटेजा के लिए समर्थन मांगा है। इस दौरान वे बाबी छाबड़ा के खिलाफ भी जमकर बोले हैं। अब यदि रिंकू भाटिया और मोनू भाटिया में समझौता हो जाता है तो इस बार खंडा पेनल रिंकू भाटिया और खालसा पेनल बाबी छाबड़ा के झंडे तले रहेगी। हालांकि अगस्त आते आते एक बार फिर समीकरण बदलने के आसार दिख रहे हैं।

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