6 करोड़़ रुपए से ज्यादा की डायरियों को भूमाफिया हैप्पी धवन अब बता रहा है नकली

चंपू की मौसी की 21 डायरियों पर लिए पैसों पर भी नीयत खराब

land mafia indore
happy dhawan, champu ajmera, manish sahara

इंदौर। शहर के कुख्यात भूमाफिया उच्च न्यायालय द्वारा बनाई गई कमेटी को भी घोलकर पी गए है। ऐसा कहना है न्याय की तलाश में भटक रहे सैकड़ों पीडितों का जो पिछले 20 वर्षों से अपने भूखण्डों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इधर चंपू अजमेरा, हैप्पी धवन दोनों की ही नियत पूरी तरह खराब हो चुकी है। पीडितों को अब कमेटी की बजाय उच्च न्यायालय पर ही भरोसा बचा है। इधर माफिया चेक से लिए भुगतान पर ब्याज देने के मामले में भी खेल रहे हैं।

दूसरी ओर कालिंदी गोल्ड में हेैप्पी धवन ने पैसा लेकर डायरियों पर इंट्री करने के बाद खुद हस्ताक्षर किए थे। अब उन्हें भी हैप्पी धवन फर्जी बता रहा है। इधर कमेटी भी माफियाओं से पूछताछ की बजाय डायरियों को लेकर पीडितों से ही हिसाब मांग रही है।

जबकि तत्कालीन कलेक्टर रहे मनीषसिंह के कार्यकाल में डायरियों पर हुए करोडों रुपए के लेनदेन का भांडा फूटने के बाद कई माफियाओं और दलाल ने बांड ओवर किया यानि डायरियों पर पैसा माफिया ले रहे थे। हैप्पी धवन के पास डायरियों के ही सात करोड़ रुपए से ज्यादा है। एक ही परिवार की 21 डायरियों पर लिए गए पैसों के बाद कमेटी के सामने ही हैप्पी धवन ने इसे फर्जी बताया।

शहर के जमीनों के सबसे बड़े जालसाज चंपू अजमेरा, हैप्पी धवन, दीपक मद्दा की नीयत में अब इतना ज्यादा खोट आ गया है कि वे जेल जाने को तैयार है पर पैसे देने की नीयत नहीं है। कालिंदी गोल्ड में हैप्पी धवन जो कांग्रेस के बड़े नेताओं के परिवार से है ने बड़ी तादाद में लोगों से पैसे लेकर रजिस्ट्रियां नहीं की। 255 से अधिक शिकायतों पर कमेटी बनने के बाद शुरू हुई कार्रवाई में शिकायत बढकर 500 तक पहुंच गई है। land mafia indore

इधर कालिंदी गोल़्ड ने खुद हैप्पी धवन द्वारा 2007-08 में बनाई गई डायरियों पर 7 करोड़ से ज्यादा कालाधन लिया जा चुका है। इसमें चंपू अजमेरा की सगी मौसी यानि राजेंद्र जैन के परिवार की 21 डायरियों पर हैप्पी धवन ने खुद हस्ताक्षर कर पैसे लिए थे। अब खुद ही इन डायरियों को नकली बताकर हाथ ऊंचे कर रहे है। ऐसी 70 से अधिक डायरियों पर हैप्पी धवन ने करोडो रुपए उगा लिए और अब प्लाट भी नहीं दे रहे है। चेक लिए भुगतान वापस भी होंगे तो हैप्पी धवन करोड़ों रुपए का कालाधन हजम कर चुके होंगे।

हैप्पी धवन को कांग्रेस के ही बड़े नेताओं का संरक्षण मिल रहा है। इसके चलते वह डायरियों का पैसा नहीं देना चाहता है। होना यह चाहिए कि कमेटी खुद डायरियों पर किए गए हस्ताक्षरों की जांच कराए और यदि हस्ताक्षर हैप्पी धवन के पाए जाए तो एक ओर मुकदमा धोखाधड़ी और जालसाजी का दर्ज किया जाना चाहिए। (deepak madda)

हो यह रहा है कि कमेटी खुद ही पीडितों से ही समझौता करने के लिए दबाव बना रही है। इसके कारण अब भूमाफियाओं को लेकर चल रही कार्रवाई पर भी कोई भरोसा भूखण्ड चाहने वालों को नहीं रहा है। इस मामले में पीडितो का कहना है कि अगर मनीषसिंह अभी कलेक्टर होते तो हमारे भूखण्ड यह भूमाफिया तो क्या इनके पिताजी भी नपती करवाकर देते। —

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