सुलेमानी चाय: सिराज अहमद ने सेट किया खजराना उर्स

सिराज अहमद ने सेट किया खजराना उर्स
खजराना दरगाह कई बरसों से बिना कमेटी चल रही है। चार साल से प्रशासक सिराज एहमद पर ही दरगाह के निजाम की जिम्मेदारी है। मगर वे अपनी जिम्मेदारी ठीक से निभा नहीं पा रहे हैं। सच कहा जाए तो दरगाह की व्यवस्था चरमरा गई है। दरगाह के चारों ओर गन्दगी फैली हुई है । दरगाह परिसर में नशाखोरी आम बात हो रही है।

इसी के साथ जो पिछले उर्स सिराज एहमद ने कराये थे उसमे भी जिला वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शकील राज ने शिकायत की थी। शिकायत की जांच तो दूर प्रदेश वक्फ बोर्ड प्रशासक दिलीप यादव की मेहरबानियों के चलते सिराज को फिर से उर्स कराने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है। फ़रवरी के आखरी पखवाड़े में उर्स होंगे , मजे की बात तो अब है , जहां उर्स में कव्वाल, झूलों और दुकानों को लेकर कमेटी बननी चाहिए थी, लेकिन सुलेमनी सूत्रों का कहना है कि सिराज साहब ने लेन देन के सारे मामले पहले ही सेट कर लिए हैं। कव्वाल है अजीम नाजा ओर अनीस साबरी तय है। बाकी मामलो का पता आप लगाइए, ओर उर्स को कमीशनखोरी से महफूज़ रखिये।

उर्दू कल्चर को स्लो पाइजन
बम्बई बाजार के साथ प्रशासन सौतेला बर्ताव कर रहा है। एक तरफ सराफा रात को दो तीन बजे तक खुला रहता है वहीं जवाहर मार्ग के दूसरी तरफ बम्बई बाजार जिसकी रातों की रौनक में लखनवी कल्चर घुला है, रात ग्यारह बजे बंद करा दिया जाता है। इन्हीं चाय की दुकानों में पहले रात रात भर शायर बैठा करते थे। शायरों में हिंदू भी होते थे और मुस्लिम भी। गंगा-जमुनी तहज़ीब का मरकज हुआ करता था बंबई बाजार और रानीपुरा। दीन के जानकार दीन की बातें करते थे। सियासी लोग सियासत पर बहस गर्म रखा करते थे। नमकीन चाय और पान की दुकानें इन जागने वालों को उर्जा और खुराक दिया करती थी। खाने के होटल देर रात तक खुले रहते थे। घर पर रात का खाना पसंद का ना बना हो या देर रात भूख लग गई हो तो यही होटल आसरा थे। बंबई बाजार को बंद करना एक खास कल्चर को स्लो पायजन देना है।

मोर्चा से दूर होते अल्पसंख्यक
शेख़ असलम वैसे तो इन्दौर अल्पसंखयक मोर्चा के अध्यक्ष हैं और इसी समाज को भाजपा से जोड़ना उनकी ज़िम्मेदारी है, पर समाज तो दूर इनके अपने गृह वार्ड में इनको बुलाया नही जा रहा है। असलम के अध्यक्ष बनने का विरोध गृह वार्ड आज़ाद नगर से हुआ था और आज़ाद नगर में अध्यक्ष रहते हुए बागी चुनाव लड़े। जिन्होंने इनकी पत्नी का चुनाव में काम किया ऐसे 7 लोगों को इन्होंने अपनी भाजपा मोर्चा की शहर टीम में जगह दी। पर अब वॉर्ड मे जो भाजपा के प्रोग्राम हो रहे है उनमें वो लोग भी बुलाए नहीं जा रहे हैं जो असलम की टीम में हैं। पुराने नेता अकील कुरैशी, युनूस खान , वारिस नेता असलम को पुछ नहीं रहे है। लोग मज़ाक उड़ा रहे है कि जो वार्ड नहीं जोड़ पा रहे वो शहर में कैसे जोड़ेंगे?

दुमछल्ला….
खजराना थाना में तीन चार तबादले चर्चा का विषय बने हुए हैं।
चर्चा यह है कि एक भाजपा अल्पसंखयक नेता को पुलिस ने हल्के में लिया। वजन में हल्के इस अल्पसंख्यक भाजपा नेता ने भारी भरकम फाइलें चलाईं। शिकायतें जब आला अधिकारियों तक गईं तो तबादलों की बारिश सी हो गई। जिनका तबादला हुआ उनसे विधायक और दूसरे भाजपा पदाधिकारी संतुष्ट थे। इसी से ये अधिकारी मुगालते मे आ गए कि ये अल्पसंखयक नेता क्या कर लेगा, पर फाइल बनाने में महारत रखने वाले नेता ने इनकी फाइल निपटा दी।

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