चूहों ने गांधी के नीचे जमीन को खोखला कर दिया

इंजीनियरों का कहना है कि किसी भी दिन गांधी जमीन पर गिरे हुए दिखाई देंगे

इंदौर। रीगल तिराहे पर बनी रोटरी में लगी गांधी प्रतिमा पक्षी प्रेमियों की ना समझी के चलते खोखली हो रही है। ऐसे में यहां लोगों ने बैठना भी बंद कर दिया है। वहीं राजनीतिक व धार्मिक धरने प्रदर्शन भी बंद हो गए हैं। नगर निगम के अधिकारियों को इसकी दुर्दशा से कई सामाजिक संगठनों द्वारा अवगत कराने के साथ ही दाना-पानी अन्य जगह डालने के सुझाव पर भी कोई अमल नहीं किया गया, जिससे अब रोटरी उजड़ने लगी। वहीं यहां का सुंदर गार्डन भी उजाड़ हो गया।

 

शहर में पक्षी प्रेमियों की छोटी सी गलती महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचा रही है। इनके द्वारा यहां पेक्षियों को डाले जाने वाला दाना-पानी ने चूहों की तादाद बढ़ा दी है। नतीजतन पूरी रोटरी में सैकड़ों बड़े-बड़े चूहों ने अपने घर बना लिए हैं। इससे गांधीजी की प्रतिमा पर बुरा असर पड़ने लगा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कोई राहगीर अब यहां बैठने तक की हिम्मत नहीं जुटा पाता है। पेक्षी प्रेमियों के द्वारा यहां जरूरत से ज्यादा दाना डाला जाता है। पक्षियों के खाने-पीने के बाद भी यहां बहुत अधिक तादाद में दाना बच जाता है, जिससे यहां पर चूहों की तादाद बहुत अधिक बढ़़ गई है।

चूहों के कारण यहां अन्य चौपाए भी बेखौफ आकर चूहों को अपना शिकार बना लेते हैं, जिससे यहां गंदगी व बदबू फैल रही है। सामाजिक संगठन अभ्यास मंडल की तरफ से गांधी प्रतिमा पर पक्षी प्रेमियों द्वारा डाले जाने वाले दाना पानी से यहां हो रहे चूहों की जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को समय-समय पर दी जाती रही है। बावजूद इसके आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया। परिणाम स्वरूप पूरा प्रतिमा स्थल खोखला हो गया है, जिससे निकट भविष्य में गांधीजी की प्रतिमा को भी नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं अभ्यास मंडल की तरफ से पक्षी प्रेमियों के लिए अन्य जगहों पर दाना पानी डालने के लिए अन्य स्थानों के सुझावों पर भी अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया।

अब तो हालात ऐसे हो गए हैं कि रोटरी के अंदर का सुंदर बगीचा उजाड़ हो गया है। यहां सुंदरता की जगह बदसूरत होने से अनुपयोगी हो गया है। तीन साल पहले यहां एक सामाजिक संगठन ने वर्टिकल गार्डन भी बनवाया था। यहां पक्षी प्रेमी दिनभर पक्षियों के लिए दाने डाल जाते हैं, जिससे पक्षियों का जमावड़ा बन जाता है। यही दाने खाने पक्षियों के अलावा चूहे भी आते हैं, जो प्रतिमा के नीचे की जमीन को नुकसान पहुंचाने में लगे हैं।

निगम ने कभी इस ओर गंभीरता से विचार नहीं किया, जिसका खामियाजा आने वाले दिनों में भुगत ना पड़ेगा। नगर निगम के उद्यान विभाग द्वारा लगातार इसकी अनदेखी की जाने से यह भी बदसूरत हो गया है। उन्होंने बताया कि मुम्बई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया पर सैकड़ों की तादाद में कबूतर पाए जाते हैं। वहां भी दर्जनों लोग पक्षियों को दाना डालते हैं, मगर वहां की जमीन ठोस है जिससे आसपास की जगह को कोई नुकसान नहीं हो पाता। मगर यहां मामला बिल्कुल अलग है। रोटरी में राष्ट्रपिता की प्रतिमा लगी होने के साथ सुंदर गार्डन भी है। पक्षी प्रेमियों के कारण यह सब बर्बाद हो चला है। नगर निगम को जल्द ही इस पर ध्यान देना होगा।

नए महापौर प्रतिमा को होने वाले नुकसान से जरूर बचाएंगे

निगम के अधिकारियों से गांधी प्रतिमा स्थल को चूहों द्वारा खोखला करने की जानकारी कई बार दी। साथ ही उन्हें शहर के पक्षी प्रेमियों को दाना-पानी डालने की अन्य जगह भी दिखा चुके हैं। बावजूद इसके सुझावों पर अमल नहीं किया गया। अब नए महापौर को भी यहां की स्थिति से अवगत कराया जाएगा। हमें उनसे उम्मीद है कि वह गांधी प्रतिमा को होने वाले नुकसान से जरूर बचाएंगे।
– शिवाजी मोहिते, अभ्यास मंडल

पंक्षी अपना दाना-पानी खुद तलाश लेते हैं

पक्षी अपना दाना पानी खुद तलाश लेते हैं। पक्षी प्रेमियों को चाहिए कि वह अपना प्रेम कहीं ओर जाकर जताएं या फिर अपने घरों की छतों पर उनकी व्यवस्था करें। क्योंकि यह जगह ठोस नहीं है। पक्षी दाना पानी मिलने की जगह खुद तलाश लेते हैं। वह स्थाई घर भी नहीं बनाते हैं। पक्षी प्रेमी दाना डालने के बाद यहां की साफ सफाई का भी ध्यान रखें, जिससे यह स्थान साफ रहे। बदबू के कारण यहां लोगों ने आना बंद कर दिया।
– अतुल सेठ, इंजीनियर

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