अक्षय बम के वकील बोले…ऐसे नेता से तो वेश्या अच्छी!

नामांकन वापस लेने और भाजपा ज्वाइन करने से भड़के बागड़िया

इन्दौर। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने कल अपना नामांकन वापस ले लिया और दोपहर में भाजपा की सदस्याता ले ली। सुबह से शाम तक शहर में राजनीतिक ड्रामा चलता रहा। कांग्रेस के नेता, कार्यकर्ता खासे नाराज रहे, वहीं बम के वकील ने कहा कि ऐसे नेता से तो वेश्या अच्छी है जो अपना काम ईमानदारी से करती है। अक्षय बम डर गये और पार्टी से दगा किया। विधानसभा चुनाव में भी टिकिट के लिए ताकत लगाई थी मगर पार्टी ने जब लोकसभा का टिकिट दिया तो अब स्वार्थ के आगे पार्टी से गद्दारी की। शिक्षाविद हैं समाज सेवक हैं, संभा्रातं परिवार से हैं फिर भी डर गये और नामांकन वापस ले लिया।

इन्दौर में अब कांग्रेस का प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है। कल सुबह प्रचार के बाद करीब 11 बजे अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन फार्म वापस ले लिया और दोपहर में भाजपा कार्यालय पहुंचकर सदस्यता ली। दिनभर कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता आक्रोशित रहे और बम के खिलाफ भड़ास निकाली। उनक निवास पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने पुतला भी जलाया और नारेबाजी की। इधर बम के वकील अजय बागड़िया ने कहा कि ऐसे नेता से तो वेश्या अच्छी जो अपना काम ईमानदारी और निष्ठा के साथ करती है। अपने स्वार्थ के लिए धोखा तो नहीं देती है।

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शर्मसार हैं कि उनके केस लड़ रहे हैं। कलेक्टर कार्यालय पर भाजपा नेताओं के साथ पहुंचकर बम ने अपना नामांकन वापस लिया था और शाम तक भोपाल भी पहुंच गये और मुख्यमंत्री के हाथों भाजपाई दुपट्टा पहना। बम संभा्रातं परिवार से आते हैं, शिक्षाविद हैं, समाज सेवक हैं बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी से दगा किया और अब अपने स्वार्थ के लिए भाजपा की सदस्यता ले ली। उनके ऊपर हत्या के प्रयास के एक प्रकरण में पिछले दिनों धारा बढा़ई गई थी इससे भी वे डर गये और कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। अब भविष्य में क्या होगा यह तो चुनाव बाद ही तय होगा मगर जिले में कांग्रेस के प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने से चुनाव मजाक बन गया और मतदाताा भी ठगा सा महसूस कर रहा है।

कांग्रेसी अब नोटा पर मतदान के लिए मतदाताओं को करेंगे जागरूक…

इन्दौर। जिले में लगातार 9 बार से कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव हार रही है और इस बार तो प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी भी छोड़ दी। कल राजनीतिक ड्रामा के बीच अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया और भाजपा ज्वाइन कर ली। इधर बम के पार्टी छोड़ने के बाद गांधी भवन में कल शाम बैठक हुई जिसमें कई ऐसे नेता भी शामिल हुए जो एक दूसरे के विरोधी रहे हैं। बैठक में तय हुआ कि निर्दलीय को समर्थन दिया जाए और बूथों पर कार्यकर्ताओं को बैठाया जाए। एक निर्णय यह भी हुआ कि नोटा पर मतदान के लिए मतदाताओं को जागरूक किया जाए और हर विधानसभा में नेता, कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों को बताएं कि कैसे भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है।

कांग्रेस प्रत्याशी रहे अक्षय बम के नामांकन वापस लेने और भाजपा ज्वाइन करने के बाद अब पार्टी के सामने यह चुनौती है कि पहली बार बिना मुख्य विपक्षी पार्टी के प्रत्याशी के न होने से लोकसभा चुनाव में पार्टी क्या कदम उठाए जिससे मतदाताओं में यह संदेश जाए कि भाजपा किस तरह से तोड़फोड़ की राजनीति कर रही है और कांग्रेस नेताओं को डरा रही है। पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, पूर्व विधायक अश्विन जोशी सहित शहर अध्यक्ष सुरजीतसिंह चड्ढा आदि नेता बैठक में मौजूद रहे। बैठक में कई निर्णय हुए जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि अब मतदाताओं को जागरूक किया जाए और नोटा का बटन दबाया जाए। वहीं यह भी चर्चा हुई कि निर्दलीय प्रत्याशी को समर्थन दिया जाए और बूथों पर कांग्रेस के कार्यकर्ता बैठाए जाएं। इधर कुछ नेताओं ने मतदान का बहिष्कार करने की बात भी कही, मगर लोकतंत्र में यह ठीक नहीं होगा इसलिए वरिष्ठ नेताओं ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय पर चर्चा नहीं की। नोटा पर ही मतदान करने के लिए निर्णय हुआ और हर विधानसभा में अब नेता, कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों ेको भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा बताएंगे व नोटा में मतदान की अपील करेंगे। बैठक में राजेश चोकसे, गिरिधर नागर, देवेंद्रसिंह यादव, सन्नी राजपाल, विवेक खंडेलवाल, गिरिश जोशी, जौहर मानपुरवाला सहित मोर्चा, प्रकोष्ठ, मंडल के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

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