दो बिल्डरों और तीन बड़े ब्रोकरों पर कार्रवाई की तैयारी हुई

600 करोड़ रुपया बिल्डरों ने डायरियों पर ही एकत्र कर लिया है

 

इंदौर। एक बार फिर दीपावली त्योहार निपटने के बाद जिला प्रशासन ने डायरियों पर बेचे गए प्लाटों को लेकर कार्रवाई प्रारंभ की है। आज डायरियों पर प्लाट बेचने वाले दलालों की एडीएम कोर्ट में तारीख है। प्लाट बेचने वाले लगभग सभी दलाल अपना बयान दर्ज करवा चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने डायरियों पर कोई भूखंड नहीं बेचे हैं। दूसरी ओर अब यह जांच एक बार फिर मालती वनस्पती के प्लाटों पर पहुंचती हुई दिखाई दे रही है। सबसे ज्यादा डायरियों पर प्लाट बेचने वाले संजय मालानी और डेमला जिन्होंने रेडीमेड काम्पलेक्स में बैठकर डायरियों पर 35 लाख फीट से ज्यादा का माल बेचा है। प्रशासन अब इस मामले में दो बड़े बिल्डरों पर अपराधिक मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर चुका है।
शहर में डायरियों पर चले कामकाज में 5 ब्रोकरों ने ही सबसे ज्यादा माल इंदौर में बेचा था। इसमें संजय मालानी और उमेश डेमला सबसे प्रमुख दलाल थे, परन्तु इन्होंने प्रशासन को दिए बयान में कहा कि उन्होंने डायरियों पर कोई माल नहीं बेचा है, जबकि संजय मालानी ने लगभग 60 ब्रोकरों के नाम बताए है, जो डायरियों के कामकाज में लगे हुए थे। आज एक बार फिर सभी ब्रोकरों को एडीएम कोर्ट में पेश होना है। एक ओर दलाल आनंद लखोटिया ने 30 कालोनियों में 15 लाख फीट माल बेचा है। इसमें बायपास और सुपर कारिडोर पर अभी भी डायरियां घूम रही है। उमेश डेमला ने 20 लाख फीट माल बेचा है, जिसमें महेन्द्र अग्रवाल और अशोक ऐरन का बड़ा कामकाज रहा। वहीं दिलीप जैन की लीड्स के नाम से बुकिंग की गई है। छोटा बांगड़दा और नैनोद में सुरेश ठाकुर और सिंघल के माल भी डायरियों पर ही बुक है। इधर जिला प्रशासन नगर नियोजन विभाग से नई टाऊनशीप को लेकर लगने वाले नक्शों की जानकारी पर नजर गढ़ाए हुए है। जैसे ही नक्शे लगेंगे, यह तय हो जाएगा कि यहां पर डायरियां कितनी चली है। प्रशासनिक सूत्र बता रहे हैं कि इस मामले में अब दो बड़े बिल्डरों पर भी बड़ी कार्रवाई की तैयारी लगभग हो चुकी है। आने वाले दिनों में यह कार्रवाई हो जाएगी। दूसरी ओर डायरियों पर प्लाट बेचने वाले ब्रोकर भी अब शिकायत के दायरों में आने जा रहे हैं, क्योंकि अभी किसी प्रकार के नक्शे पास होने की संभावना न होने के कारण उन्हें अब डायरी पर प्लाट लेने वालों को जवाब देना होगा। कई लोग अब प्रशासन की कार्रवाई के बाद पैसे वापस लेने के लिए भी दबाव बना रहे हैं। सबसे ज्यादा सुनील जैन और गणेश खंडेलवाल के यहां पैसे लेने लोग पहुंच रहे हैं।

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