Tax on the cycle : अब गरीबों की सायकल से लेकर किसानों की बैलगाड़ी पर भी टैक्स लगाने की तैयारी

प्रधानमंत्री आवास से लेकर बकरा-बकरी तक टैक्स के दायरे में होंगे

 tax on the cycle

 भोपाल (ब्यूरो)।  tax on the cycle एक ओर जहां सरकार लगातार कर्ज लेकर अपने कार्यक्रम चला रही है तो दूसरी ओर जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स का संतुलन भी अभी तक नहीं बना है। इसके चलते अब सरकार एक साथ कई क्षेत्रों में नए टैक्स का बोझ डालकर अपना खजाना भरने की तैयारी शुरू कर चुकी है। इसमें दुकानों पर लगे होर्डिंग से लेकर बैलगाड़ी पर भी टैक्स दिए जाने के प्रस्ताव बनाए गए हैं। इससे पंचायतों को मजबूत किया जाएगा।

सूत्रों का कहना है इसके तहत गरीबों के आने जाने व फसल ढोने के काम आने वाली साइकिल से लेकर बैलगाड़ी तक पर सरकार द्वारा कर की वसूली की जाएगी। इसके पीछे अफसरों का तर्क है कि यह नई व्यवस्था पंचायतों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए बनाई जा रही है।

यह व्यवस्था स्व निधि से समृद्धि अभियान के लिए बनाई गई है। इसका सबसे बड़ा असर गरीबों के आवासों पर पड़ना तय है। अनिवार्य करों में शामिल संपत्ति कर का जो निर्धारण किया गया है, उसमें प्रधानमंत्री आवास को भी कर के दायरे में लाया जा रहा है। tax on the cycle 

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इसकी वजह से इन आवासों के मालिकों को 500 रुपये हर साल कर देना होगा। हालांकि संबंधित कर का निर्धारण वैकल्पिक किया गया है, लेकिन कर प्रणाली में इसे शामिल करना ही शासन की सोच पर सवाल खड़ा कर रहा है। इसी तरह पंचायतों में अनिवार्य कर की व्यवस्था तय की गई है।

इसमें भूमि तथा भवन पर संपत्ति कर, निजी शौचालयों पर कर, प्रकाश कर तथा वृत्ति कर शामिल हैं। ये कर एक अप्रैल से आगामी 31 मार्च तक के वर्ष के लिये अधिरोपित होंगे। यही नहीं गरीबों का उन आवासों पर भी सम्पत्ति कर देना होगा, जो उन्हें आवास योजना के तहत प्रदान किए गए हैं। इस कर की राशि पांच सौ रुपए सालाना होगी।

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दरअसल ग्राम सभा अनिवार्य कर नियम 2001 के तहत संपत्तिकर की जो दर तय की गई है, उसके अनुसार जिस संपत्ति का पूंजी मूल्य 6 से 12 हजार के बीच है उसे न्यूनतम 100 रुपये संपत्ति कर देय होगा। इसी तरह से 12 हजार रुपये से अधिक पूंजी मूल्य के भवनों पर न्यूनतम 500 रुपये संपत्तिकर देय होगा। इसमें प्रधानमंत्री आवास 12 हजार रुपये से अधिक पूंजी मूल्य के दायरे में आ रहे हैं, जिन पर भी 500 रुपये सालाना टैक्स देना होगा। इसी तरह से पशुओं के रजिस्ट्रीकरण पर भी कर वसूली की जाएगी।

इसमें सुअर, बकरा, बकरी व बछड़ा पर न्यूनतम 3 व अधिकतम 20 रुपये, भैंसा, बैल, गाय, घोड़ा व घोड़ी पर न्युनतम 5 व अधिकतम 25 रुपये और भैंस, ऊंट के लिये भी पंजीयन फीस लगेगी।

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