अब चालू होगी बिजली कटौती, प्रति यूनिट कीमतें भी बढ़ेगी

- बढ़ेगी बिजली की दरें - मध्यप्रदेश कल आधी रात से नई बिजली खरीदने पर रोक - बिजली संयंत्रों का 233 करोड़ बकाया

नईदिल्ली (ब्यूरो)। केन्द्र सरकार द्वारा लगातार चेतावनी के बाद भी मध्यप्रदेश सहित 13 से अधिक राज्यों द्वारा बिजली का बकाया भुगतान बिजली उत्पादन कंपनियों को नहीं किए जाने के बाद अब इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने बिजली खरीदने, बेचने के लिए इन पर प्रतिबंध लगा दिया है।

पुराने समझौते के तहत ही जो बिजली मिल रही थी वहीं मिलेगी। अब अतिरिक्त बिजली नहीं खरीद सकेंगे। मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियों पर 233 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है। आधी रात से अब इन कंपनियों की खरीद और बिक्री करने पर रोक लगा दी गई है। दूसरी ओर लगातार बिजली की मांग बढ़ रही है। सरकार अब फ्यूल सरचार्ज लगाकर यह पैसा आम उपभोक्ता से वसूल करने की तैयारी कर चुकी है। सबसे पहले बड़े शहरों में 24 पैसे प्रति यूनिट तक फ्यूल चार्ज लगेगा।

बिजली उत्पादन कंपनियों का राज्य सरकारों की बिजली वितरण कंपनियों पर एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया हो गया है। इसके कारण बिजली उत्पादन कंपनियां कोयला नहीं खरीद पा रही है और इसके कारण कई निजी कंपनियों ने सरकार को बिजली देना बंद कर दिया है।

दूसरी ओर सरकार की बिजली कंपनियां भी अब कर्ज के जाल में बुरी तरह उलझ गई है। इसके चलते कल आधी रात इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (आईईएक्स) ने 13 राज्यों के 23 बिजली कंपनियों के बिजली खरीदने पर रोक लगा दी है। इसमें राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कई राज्य शामिल है जो पहले से ही बड़े कर्ज में डूबे हुए है। ऐसे में अब इन राज्यों में बिजली का नया संकट और कटौती शुरू होने जा रही है। मध्यप्रदेश को भी कंपनियों का 233 करोड़ रुपया देना बाकी है।

इसके चलते अब केवल समझौते में तय बिजली ही मिलेगी। अतिरिक्त बिजली खरीदने पर प्रतिबंध लगाए जाने से राज्यों को पीक अवर में कई क्षेत्रों में बिजली कटौती शुरू करना होगी। आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश में बिजली की मांग बढ़ने पर कटौती 4 से 6 घंटे तक शुरू हो जाएगी।

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