अब नए दौर में पुष्यमित्र लिखेंगे नई कहानी

मित्र, आज से मित्रता निभाना आपकी जिम्मेदारी ....

इंदौर। मां अहिल्या की नगरी केवल एक शहरभर नहीं बल्कि जीवन रस से भरा हुआ है लकदक, श्रेष्ठ व जीवंत लघु भारत है इसे संवारने के लिए आज नई परिषद शपथ ले रही है व अपना कार्य प्रारंभ कर रही है। आज शाम 5 बजे मां अहिल्या की नगरी की जिम्मेदारी प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान प्रथम नागरिक बने पुष्यमित्र भार्गव को सौप देंगे याने शपथ दिलाकर। जनता ने उन्हें 6 जुलाई को अपना मुखिया मानते हुए 17 जुलाई को फैसला सुना दिया। अब मित्र बने पुष्यमित्र भार्गव की जिम्मेदारी है कि वो अपनी मित्रता निभाएं।

हर चुनौती को अपनी अपनी चुनौती मानना इस शहर के नागरिकों की पहचान रही है। वैसे तो पुष्यमित्र भार्गव के समक्ष कई चुनौतियां हैं लेकिन शहर भी उनके साथ खड़ा हुआ है। हालांकि भार्गव ने हर चुनौतियों को स्वीकार करते हुए यह दावा किया है कि वे शहर के विकास की नई इबारत लिखेंगे। बिजली, पानी, सड़क या ड्रेनेज ही के कार्य ही चुनौती नहीं उम्मीद है भार्गव इस शहर की सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों की पहचान बरकरार रखने के साथ ही हर कार्य को अंजाम देंगे। मित्र भार्गव का प्रमुख लक्ष्य शहर के बढ़ते आकार में बिखरता व बिगड़ता यातायात प्रमुख होगा। वहीं पिछली परिषद के द्वारा किए गए कार्य भी बरकरार रखना है। नई परिषद को दूरदर्शिता दिखाते हुए भविष्य के इंदौर के बारे में भी सोचना होगा।

निगम को यातायात पुलिस के साथ मिलकर यातायात का नया प्लान बनाना होगा, ताकि शहर के हर नागरिक का प्रतिदिन का यातायात संघर्ष कम हो व सुगम रास्ते हो। 23 सालों में सिर्फ 15 माह कांग्रेस को प्रदेश में सरकार होने के निगम में काम करने का मौका मिला है वो भी प्रशासनिक स्तर पर।

पूरे प्रदेश में बनाई पहचान

शहर में फिर मालिनी गौड़ को विधायक रहते हुए भाजपा ने महापौर प्रत्याशी बनाया व मेयर बनने के बाद मालिनी गौड़ ने शहर की पूरे देश मं पहचान बना दी। लगातार 5 बार स्वच्छता में नम्बर 1 इंदौर गौड़ के कार्यकाल में स्वच्छता में नम्बर 1 की शुरुआत कर पाया। गौड़ की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति से शहर को पूरे देश मे नई पहचान मिली।

विजयवर्गीय से हुई शुरुआत

विधायक से महापौर बने कैलाश विजयवर्गीय ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद अनेक काम करते हुए शहर में सड़कों का जाल बिछाया व अपनी पहचान पूरे देश मे बना ली। डॉ. उमाशशि शर्मा ने बनाई हरियाली से अपनी निगम परिषद की पहचान बनाई व एक दिन में 101 बगीचों का भूमिपूजन कर रिकार्ड बनाया। शर्मा ने हरियाली पर जोर दिया व शहर में कई सौगातें दी। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री रहे कृष्णमुरारी मोघे पहले सांसद बने फिर यकायक मेयर उम्मीदवारी में उतर कर चौका दिया। फिर मोघे ने अपने कार्यकाल में संगठन की तरह ही अनुशासन रखने का प्रयास किया व निगम का राजस्व खजाना जरूर बढ़ाया व कार्य किए।

अब वकील से मेयर बने

पुष्यमित्र भार्गव के सामने वैसे तो कई चुनौतियां हैं। उनको स्वच्छता में इंदौर को नम्बर 1 भी बनाए रखना है। वहीं स्मार्ट सिटी के अनेक कार्यों को अंजाम देना है। पुराने मेयरों की तरह अपनी पहचान बनाने के लिए कुछ नया करना होगा, ताकि शहर उन्हें अपना मित्र मान सके। हालांकि भार्गव को भाजपा के बड़े नेताओं का साथ मिला हुआ है। वहीं हाल ही में इंदौर आए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शहर को सड़कों व ओवरफ्लाय की कई सौगातें दे गए हैं। वहीं गडकरी की जनआक्रोश संस्था का भी साथ पुष्यमित्र को मिल गया है जो यातायात सुधारने में बड़ा सहयोग करेगी। स्वच्छता के साथ भाजपा मेयर का भी पंच लगा रही है।

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