इंदौर-देवास मार्ग पर एक और औद्योगिक क्षेत्र बनेगा

641 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जाएगा विकसित, एमपीआईडीसी ने अनुमोदन तैयार कर शासन को भेजा

इंदौर। आने वाले कुछ सालों में इंदौर के पास एक ओर नया औद्योगिक क्षेत्र तैयार होगा। इसका अनुमोदन तैयार कर एमपीआईडीसी ने शासन को भेजा है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद प्रस्तावित प्रोजेक्टों को पंख लग जाएंगे। यह नया औद्योगिक क्षेत्र देवास में 2641.83 हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित किया जाएगा। नया प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र वर्तमान में संचालित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र के मुकाबले 4 गुना से अधिक बड़ा है।


आचार संहिता समाप्त होने के बाद औद्योगिक निवेश के लिए कामों में तेजी आने की उम्मीद बन गई है। प्रस्तावित प्रोजेक्टों में से कुछ पर एमपी इंडस्ट्रीयल डेवलमेंट कार्पोरेशन(एमपीआईडीसी) चाहकर भी काम प्रारंभ नहीं कर पा रहा है। इसका कारण यह है कि इन प्रोजेक्टों क अब तक प्रदेश सरकार ने हरीझंडी नहीं दी है। एमपी आईडीसी के अधिकारियों का कहना है कि हमने इसी माह औद्योगिक क्षेत्र में जमीन अधिग्रहण का काम प्रारंभ करने की तैयारियां कर ली है। उम्मीद कहै कि देवास में प्रस्तावित नए औद्योगिक क्षेत्र को अनुमति का इंतजार है। अनुमति के बाद जमीन अधिग्रहण का काम शुरू होगा।

ये उद्योग होंगे स्थापित

एमपीआईडीसी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर एसके पाल ने बताया कि नए क्षेत्र में उद्योगों के सभी सेक्टर जैसे फार्मा, आटोमोबाइल, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, फूड प्रोसेसिंग, लाजिस्टिक, रसासन आदि के लिए जमीन उपलब्ध रहेगी। शासन से अनुमति के बाद क्षेत्र को विकसित करने का काम गति पकड़ सकेगा।

ये क्षेत्र होंगे शामिल
नए औद्योगिक क्षेत्र में कई ग्रामीण इलाके भी शामिल किए जाएंगे, जिससे गांवों में भी रोजगार का अवसर मिल सकेंगे। इसमें पवाडिला, रुपखेड़ी, बड़ोद पिपलिया, सिंगवादिया, हवानखेड़ी, अलीपुर, तुमनी, मेरेठी, लोहारी, अमोना, बिंजाना, गडाईश पिपलिया, रसलपुर, अचलखेड़ी को शामिल किया जा रहा है। इन गांवों की आबादी एक से सवा लाख के आसपास बताई जा रही है।

तीन क्षेत्रों का संचालन

इंदौर के समीप देवास औद्योगिक क्षेत्र एक में 306.737 हेक्टेयर, देवास क्षेत्र 2 में 296.930 हेक्टेयर और देवास 3 औद्योगिक क्षेत्र बसे हुए हैं। इस प्रकार देवास में 603.667 हेक्टेयर क्षेत्रफल में उद्योगों का संचालन किया जा रहा है। नया औद्योगिक क्षेत्र वर्तमान में संचालित क्षेत्र के मुकाबले 4 गुना अधिक बड़ा होगा।

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