रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त, बंदरगाह खोले जाएंगे

108 दिन चला युद्ध अब समझौते के मसौदे पर पहुंचा

वाशिंगटन (एजेंसी)। पिछले 108 दिन से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में अब विराम लगने जा रहा है। दोनों ही देशों के बीच अब हमले बंद हो गए है। दूसरी ओर रूस ने यूक्रेन के ब्लेक सी बंदरगाह और स्नेक आईलैंड के बंदरगाह को निर्यात के लिए खोलने के लिए अनुमति दे दी है। यहां से बिछाई गई बारूदी सुरंगें हटाने का काम रूस ने शुरू कर दिया है।

दूसरी ओर जिस अमेरिका ने सबसे पहले प्रतिबंध लगाना शुरू किए थे अब वह रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रासकस मास के साथ नासा का अंतरिक्ष अभियान फिर से शुरू कर रहा है। अंतरिक्ष में अब चल रहे अभियान में दोनों देशों के झंडे वापस लगना शुरू हो गए है। वहीं रूस अब अपने कलिनग्राड बंदरगाह से फिर वापस निर्यात शुरू करने जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र संग के महासचिव ने इसके लिए तुर्कीये और रूस को पूरे विश्व को भूखमरी और मानवता से बचाने के लिए धन्यवाद दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच अब समझौते को लेकर मसौदा तैयार हो चुका है। इसमें तुर्कीये की बड़ी भूमिका है जहां दोनों ही देशों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई थी। संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रवक्ता ने इसके लिए दोनों देशों के साथ तुर्की को भी धन्यवाद दिया है और कहा है कि इससे कई देश भूखमरी से बचाए जा सकेंगे। दूसरी ओर जिन मसौदों पर लगभग सहमति बन चुकी है उसमें अब दोनों देश अपने बीच तनाव कम करेंगे। साथ ही रूस ने यूक्रेन के बंदरगाहों को खाली करना शुरू कर दिया है।

अब यूक्रेन अपने यहां से तेजी से गेहूं सहित अन्य खाद्यान्न का निर्यात शुरू कर रहा है। कई देशों से उसे खाद्यान्न की मांग भी पहुंचने लगी है। दूसरी ओर यूक्रेन के दोनों बंदरगाहों पर लगाई गई समुद्री सुरंगें हटाना रूस ने शुरू कर दिया है। यूक्रेन के दोनों बंदरगाह जहां से हर दिन 300 से अधिक जहाज गेहूं लेकर अन्य देशों को रवाना होते थे वे अगले माह से फिर शुरू हो जाएंगे। ब्लेक सी और स्नेक आईलैंड पर बंदरगाहों को ठीक करने का काम शुरू हो गया है।

दूसरी ओर रूस का एक ओर हिस्सा जो लिथुवानिया के बाद लगा हुआ है या इस बंदरगाह पर सामान पहुंचाने के लिए रूस ने लिथुवानिया से रेल लाइन डाल रखी थी युद्ध के बाद उसने यह रेल लाइन प्रतिबंधित कर दी थी।

जर्मनी में समझौते के बाद लिथुवानिया ने रूस के खाद्यान्न निर्यात को लेकर मार्ग वापस खोल दिया है। अब कलिनग्राड बंदरगाह पर रूस का गेहूं और अन्य खाद्यान्न रवाना होना शुरू हो गया है। इधर अमेरिका की नासा ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रासकस मास के साथ चल रहे अंतरिक्ष अभियान को फिर प्रारंभ कर दिया है।

चूंकि अमेरिका इस पूरे मामले में सबसे बड़े दुश्मन के रूप में सामने आया था इसलिए इस बार सारे समझौते संयुक्त राष्ट्र संघ की देखरेख में किए जा रहे है। अगले कुछ दिनों में इस मसौदे को लेकर जानकारी जारी हो जाएगी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी अपनी साइड पर इस समझौते को लेकर तीनों देशों को धन्यवाद दिया है।

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