वार्ड परिक्रमा क्षेत्र क्र. 1 : दो वार्डों में भाजपा के बगावती मुसीबत बने, चारों वार्डों में जीत आसान नहीं

3 वार्डों में पहली बार किस्मत आजमा रहे है उम्मीदवार जातिगत समीकरण पर टीके है 2 वार्ड

इंदौर। विधानसभा क्षेत्र क्र. 1 के वार्ड 14, 15, 16 और 17 चार वार्डों में से जहां वार्ड 17 में भाजपा के बागी ने भाजपा को संकट में डाल रखा है तो वहीं वार्ड 16 में इस बार कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है। यहां पर भी जीत-हार बेहद कम वोटों की होने की संभावना है तो वहीं वार्ड 15 में खड़ी निर्दलीय महिला ने कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए ही मुसीबत खड़ी कर दी है जबकि वार्ड 14 भाजपा का गढ़ रहा है। यहां से पिछली बार भाजपा ने अच्छी बढ़त हासिल की थी। अभी तक के कुल क्षेत्र क्र. 1 के 17 वार्डों में से 10 वार्डों पर कांग्रेस को बढ़त मिलती दिखाई दे रही है। 6 वार्डों में भाजपा और 1 वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार भारी दिखाी दे रहा है।

 

वार्ड क्रमांक 14 : अशोक नगर
महिला 12319, पुरुष 11651, कुल मतदाता 23970

वार्ड 14 से इस बार भी भाजपा ने अपने पुराने पार्षद और महापौर परिषद के सदस्य अश्विन शुक्ला को ही मैदान में उतारा है। वे भाजपा की तरफ से पिछले दो चुनाव से पार्षद रहे हैं। दूसरी ओर कांग्रेस की तरफ से महावीर जैन क उम्मीदवार बनाया गया है। इस वार्ड में मेढ़तवाल और वैश्य समाज का प्रभाव है और इसलिए कांग्रेस ने 4500 वोटों के गणित को साधने के लिए महावीर जैन को मैदान में उतारा है। वे पहली बार राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यह वार्ड वर्षों से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। हर चुनाव में यह वार्ड सबसे ज्यादा बढ़त देने वाले वोर्डों में भी शुमार है। इस बार अश्विन शुक्ला को वार्ड में कुछ क्षेत्रों में विरोध देखने को मिल सकता है परंतु इसका असर कितना होगा यह बताना संभव नहीं हैं। दूसरी ओर किस वार्ड में संजय शुक्ला का व्यक्तिगत प्रभाव भी बना हुआ है। ऐसे में यहां अभी भाजपा अपनी जीत को लेकर निश्चिंत है। जबकि कांग्रेस उम्मीदवार महावीर जैन ने यहां पूरी ताकत लगा रखी है। पिछले नगर निगम चुनाव में भाजपा ने यह चुनाव 5016 मतों से जीता था।

वार्ड क्रमांक 15 : गांधीनगर
पुरुष 13919, महिला 13410, कुल मतदाता 27329

गांधी नगर वार्ड में इस बार भाजपा ने देपालपुर के पूर्व विधायक मनोज पटेल की समर्थक सावित्री जगदीश चौकसे को भाजपा का प्रत्याशी बनाया है तो कांग्रेस की तरफ से ममता सुनेर उम्मीदवार हैं। पूर्व सरपंच एवं गांधी नगर के पूर्व पार्षद भगवान सिंह चौहान ने यहां अपनी पत्नी को बागी उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार दिया है। भगवान सिंह चौहान की पत्नी के मैदान में उतर जाने से इस वार्ड में भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है क्योंकि पिछले चुनाव में भाजपा मात्र 426 वोट से ही जीती थी जबकि इस वार्ड से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी। माना जा रहा है कि भगवान सिंह चौहान की पत्नी यदि 800 वोट भी ले गई तो भाजपा यहां से पिछड़ जाएगी। इसकी संभावना ज्यादा दिखाई दे रही है।

वार्ड क्रमांक 16 : नंदबाग
पुरुष 16467, महिला 14376, कुल 30845

वार्ड क्र. 16 नंदबाग में इस बार भाजपा प्रत्याशी सोनाली मुकेश धारकर और कांग्रेस प्रत्याशी वंदना कुलदीप चौकसे मैदान में हैं। दोनों ही उम्मीदवार पहली बार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। सोनाली मुकेश धारकर संघ की पृष्ठभूमि से आती हंै, उनका परिवार संघ और भाजपा में लमबे समय से काम कर रहा है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने यहां पर भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए कुलदीप चौकसे को मैदान में उतारा है। कुलदीप चौकसे की कांग्रेस में हुई अचानक उम्मीदवारी को लेकर कांग्रेस में भी नाराजगी और खींचतान बनी हुई थी। हालांकि यहां कांग्रेस के नेताओं ने समन्वय बनाने की बड़ी कोशिश की है। इस वार्ड में पिछली बार भी भाजपा मात्र 386 वोटों से ही जीती थी। यदि कुलदीप चौकसे भाजपा के वोटों में सेंध लगाने में सफल हो पाए तो ही यह सीट कांग्रेस के खाते में जा पाएगी। इस सीट पर जीत-हार मात्र 300 से 400 मतों के बीच ही होनी है। इसलिए कहा नहीं जा सकता कि यह सीट किसकी झोली में जाएगी।

वार्ड क्रमांक 17 : कुशवाह नगर
पुरुष 12918, महिला 11222, कुल मतदाता 24140

वार्ड 17 कुशवाह नगर में इस बार बाजी भाजपा के हाथ से जाती दिखाई दे रही है। इस वार्ड से भाजपा ने नितिन कश्यप (टीनू) को मैदान में उतारा है। बताया गया है कि टीनू के परिवार में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग हैं। भाई पर कई प्रकरण दर्ज हैं वहीं अवैध कालोनियां भी काटी गई हैं। टीनू की मां ममता कश्यप ने भी पिछला चुनाव लड़ा था और वे वार्ड 10 बाणगंगा में विनितिका दीपू यादव से 4 हजार से अधिक वोटों से हार गई थीं। टीनू के लिए नया वार्ड होने के चलते कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं का भी अभाव है। पूर्व पार्षद अशोक कुशवाह और उनके परिजन चुनाव में कहीं नहीं दिख रहे हैं। वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता केके यादव के पुत्र शिवम यादव को उम्मीदवार बनाया गया है। यादव बाहुल्य वार्ड होने के चलते शिवम को वार्ड में काफी बढ़त मिल सकती है। शहर के अलग-अलग इलाकों से भी समाजजन शिवम के लिए मैदान में आ रहे हैं। इस वार्ड का गणित टीनू के कारण भाजपा की झोली में अब जाने की संभावना कम है। पिछली बार भी यहां भाजपा के बाद दूसरे नंबर पर निर्दलीय उम्मीदवार विनय कुशवाह जो कि भाजपा के बागी रहे थे। यहां जीत-हार मात्र 76 वोट की रही थी। इस बार भी यहां जीत हार 200 वोट के अंदर ही होने की संभावना है। कांग्रेस के दो बार पार्षद रहे और कमलनाथ के करीबी केके यादव के बेटे शिवम यादव को लेकर पिछले एक साल से क्षेत्र में प्रचार कर रहे थे। केके यादव के लिए यह पांचवां चुनाव है। इस बार इस वार्ड में मुकाबला कांटे का है। ऐसे में कांग्रेस को कुछ लाभ मिलता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर विधानसभा चुनाव में इस वार्ड से कांग्रेस ने बढ़त बनाई थी।

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