महू मेरा घर मैं यहां छोटी राजनीति नहीं करता – विजयवर्गीय

मित्र की स्मृति के कार्यक्रम में एक सवाल पर बोले भाजपा राष्ट्रीय महासचिव

इंदौर। पिछले दिनों राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा दिए गए बयान ने प्रदेश की राजनीति मेें बवाल मचा दिया। दीपक जाजू की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने एक पत्रकार द्वारा पुछे गए सवाल का जवाब कुछ इसे अंदाज मेें दिया कि वह चर्चा का विषय बन गया। कार्यक्रम की जिम्मेेदारी कैलाश विजयवर्गी ने जीतू जिराती को दिए जाने पर पत्रकारों ने उनसे 2023 के आम चुनावों में महू से जिराती को टिकट दिए जाने की बात पर सवाल उठने लगे थे। जिस में उन्होंनेे अलग ही अंदाज में जवाब दिया जो प्रदेश में चर्चा को विषय बन गया।
कैलाश विजयवर्गीय अपने खास मित्र दीपक जाजू की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने पत्नी आशा विजयवर्गीय के साथ पहुँचे थे। दोस्ती निभाने में सबसे आगे कैलाश विजयवर्गीय ने दीपक जाजू की स्मृति में कार्यक्रम भव्य हो इसकी जिम्मेदारी पूर्व विधायक जीतू जिराती को दी थी। महू में आयोजन और जीतू जिराती की एंट्री बस यही बात कुछ लोगो को गले नही उतरी और जीतू जिराती को महू में देख लोग ये कयास लगाने लगे थे कि कैलाश विजयवर्गीय 2023 में जीतू को महू से चुनाव लड़वाने वाले है। ये चर्चा बढ़ते बढ़ते भोपाल तक जा पहुँची थी। बस यही वजह रही कि अपने प्रिय मित्र की याद में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राजनीति होते देख कैलाश विजयवर्गीय को गुस्सा आ गया और मंच पर माइक हाथ में आते है कैलाश विजयवर्गीय ने चर्चाओं का बाजार गर्म करने वाले के साथ सवाल पूछने वाले पत्रकारों को आड़े हाथों लिया। कैलाश विजयवर्गीय बोले कि ये जो चर्चा कर रहे है कि में जीतू को महू में प्रमोट कर रहा हूँ उन्हें मेरी राजनैतिक हाइट की कल्पना नही है। अब मेरा लेबल वो नही है जो वो समझ रहे है।
मुझे महू जैसी छोटी जगह पर राजनीति करने की जरूरत नहीं है। गुस्सा बहुत था तभी उनकी पत्नी की एंट्री हो गई और कैलाश विजयवर्गीय थोड़े शांत हो गए। आखरी में कैलाश विजयवर्गीय ने दिल और दिमाग को खूटी पर टांगने वालो को नसीहत देते हुए कहा कि इस तरफ की बातों से में बहुत दु:खी हूं आप दिल और दिमाग से सोचो ओर अपने चश्मे के नंबर भी बदलो।
हमेशा दोस्ती और संबंध निभाना और मुसीबत के समय हमेशा साथ खड़े रहना ये काबिलियत किसी नेता में है तो वो है शून्य से शिखर तक का सफर करने वाले कैलाश विजयवर्गीय में है। ये मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी है और मैने खुद 16 सालों की पत्रकारिता में देखा है। आज प्रदेशभर में कैलाश विजयवर्गीय के गुस्से को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बहुत कम ऐसे अवसर आए जब किसी ने कैलाश विजयवर्गीय को गुस्से में देखा होगा। फिर कल रात महू में कैलाश विजयवर्गीय को गुस्सा क्यो आया इसके पीछे की वजह दूसरी है। अंत मे कैलाश विजयवर्गीय ने एक के बाद एक कई दर्दभरे ओर दोस्ती वाले गीत अपने प्रिय स्व. मित्र दीपक जाजू की स्मृति में गाए। उन्होंने अपनी टीम को ये जिम्मेदारी भी दी कि दीपक जाजू की याद में ये कार्यक्रम हमेशा होना चाहिए।

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