खाने की थाली महंगी तो वहीं चाय के कप भी छोटे हो गए

एक टाइम का खाना 105 रुपए तक पहुंचा, एक प्लेट दाल 105 रुपए

इंदौर। महंगाई की मार का तड़का अब इंदौर की होटलों में दिखाई देने लगा है। जहां कीमतें नहीं बढ़ी हैं वहां रोटियां छोटी हो गई हैं। दूसरी ओर कई जगह चाय 15 रुपए तक पहुंच गई है। आम आदमी का खाना कितना महंगा हो गया है, सामान्य स्थिति में 25 रुपए में पेट भरने वाला आदमी अब 40 रुपए खर्च करने के बाद भी पेट नहीं भर पाएगा। महंगाई की मार के चलते पिछले तीन माह में रेस्टोरेंट से लेकर बड़ी होटलों तक खाने के सामान की कीमत 30 प्रतिशत तक बढ़ गई है। 70 रुपए की थाली जिसमें दाल, दो सब्जी और चावल के अलावा 6 रोटी होती थी, अब बढ़कर 105 रुपए तक पहुंच गई है। कारण एक ही है कच्चे माल की कीमत में भारी उछाल आ जाना। होटल मालिक कह रहे हैं कि कीमतों में अभी 15 प्रतिशत तक का उछाल और आने की पूरी संभावना बन गई है। गेहूं के भाव भी अब और लगातार बढ़ रहे हैं।

महंगाई की मार का असर हर आदमी पर दिखाई देने लगा है। पेट्रोल-डीजल की महंगाई तो बाजार में कहर बना रही है अब होटल-रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाने के सामान सहित खाने की थाली इतनी महंगी हो गई है जो जिंदगी जीने का खर्च और बढ़ा रही है। सर्विस रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज भी 15 प्रतिशत तक और बढ़ गया है वहीं इसके पीछे होटल संचालकों का कहना है कि ईंधन, डेरी, सब्जी, गैस, बिजली, खाद्य तेल सभी महंगे
हो गए हैं। शहर के 25 प्रतिशत रेस्टोरेंट पहले ही कोरोना से बंद हो चुके हैं। 70 रुपए की एक थाली जिसमें दाल, दो सब्जी, चावल और 6 रोटी होती थी, अब यह 105 रुपए की हो गई है। वहीं दाल 70 की प्लेट 90 और 100 रुपए तक पहुंच गई है। बड़े रेस्टोरेंट में यह 150 रुपए के लगभग हो गई है। दुकानदार कह रहे हैं कि पहले जो मिर्ची 250 रुपए किलो मिलती थी वह अब 350 रुपए हो गई है। सोयाबीन का तेल भी 172 रुपए के साथ आसमान छू रहा है। वहीं जीरा भी महंगाई का रिकार्ड तोड़ रहा है, 350 रुपए तक पहुंच गया है। 80 रु.किलो मिलने वाली दाल 110 रुपए तक पहुंच गई है। चूंकि होटलों में क्वालिटी से कोई समझौता नहीं हो सकता है। इसके चलते रोटियां छोटी तो दाल की कटोरियां भी छोटी हो रही हैं। जो व्यक्ति 70 रुपए में पेट भर लेता था अब वह 110 रुपए में भी पेट नहीं भर पा रहा है। इस मामले में रेस्टोरेंट संचालक कह रहे हैं कि आने वाले दिनों में गेहूं के भाव में और उछाल आने वाला है। इसका असर भी थाली पर दिखाई देगा।

चाय 15 रुपए
कई जगहों पर अब गिलास में चाय देने का चलन पूरी तरह समाप्त हो गया है। गिलास की जगह कागज के कप ने ले ली है जो गिलास से छोटे हो गए हैं। कट चाय के गिलास भी और छोटे हो गए हैं यानी चाय की मात्रा भी अब कम हो रही है। इस मामले में चाय बेचने वालों का कहना है कि चाय पीने वालों की संख्या में गरीब, ठेलेवाले और मजदूर ही ज्यादा होते हैं, वे चाय का खर्च 15 रुपए तक नहीं उठा पाएंगे। इसके चलते चाय के कप छोटे कर दिए गए हैं।

डोमिनोज पिज्जा भी महंगे

युवाओं की पहली पसंद पिज्जा-बर्गर भी अब इतने महंगे हो गए हैं कि होस्टलों में रहने वाले छात्र और शहर में पढ़ने वाले युवा भी इस मामले में कटौती करने लगे हैं। महंगाई की मार अब छात्रों के खर्च पर दिखने लगी है।

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