सरकार ने हालचाल क्या पूछ लिए, हो गए हौसले बुलंद

जिम्मेदार भी हैरान परेशान, बावले हटने को ही तैयार नहीं. मामला कलेक्टोरेट से कर्बला तक लगने वाली अवैध सब्जी मंडी का

इंदौर। कोरोना की दूसरी विनाशकारी लहर के गुजर जाने के बाद सरकार का नगर आगमन हुआ और जब लौट रहे थे तभी गरीबों से सामना हो गया। मालवा कन्या स्कूल के सामने फुटपाथ पर गरीबों को देख सरकार ने गाड़ी रुकवा दी। हाल-चाल पूछ लिए, भरोसा दिला दिया, हमारे रहते बैफिक्र रहो। बस फिर तो उनके हौसले बुलंद हो गए। जिम्मेदार भी हैरान परेशान है और ये बावले हटने के लिए तैयार नहीं। अफसर भी सरकार का कोपभाजन बनने से डर रहे हैं। इसी के चलते अब सरकारी कारिन्दे यहां लगने वाली सब्जी मंडी के व्यापारियों के विस्थापन हेतु नई जगह तलाश रहे हैं।
जी हाँ! यहां पर चर्चा चल रही है, कलेक्टोरेट से कर्बला मैदान तक लगने वाली सब्जी मंडी की कोरोना काल से पहले मालव कन्या स्कूल के सामने फूटपाथ पर बमुश्किल आठ-दस फुटकर सब्जी विक्रेता ही नजर आते थे, लेकिन कोरोना की पहली – दूसरी लहर के गुजरने के बाद जैसे ही लाकडाउन खुला, यहां पर अवैध मंडी लगने लगी। वह भी थोड़ी बहुत जगह में नहीं, बल्कि कलेक्टोरेट से लगाकर कर्बला मैदान के पुल तक। इससे न केवल क्षेत्र का यातायात बुरी तरह से चरमरा गया, बल्कि दुर्घटनाओं में भी अप्रत्याशित वृद्धि होने लगी। इसके बाद अफसरों की नींद खुली और उन्होंने मंडी हटाने की योजना बनानी शुरु की।

आधा दर्जन मंडिया हटाने वाला प्रशासन यहां हाथ डालने से डर रहा
नगर निगम प्रशासन महानगर में सड़कों पर लगने वाली मंडियों को हटाने का अभियान चला रहा है। इसके चलते वह वर्षों से सड़क पर चल रही आधा दर्जन मंडियों को हटाने में भी सफल रहा। शुरुआत राजकुमार मिल सब्जी मंडी से हुई, फिर मालवा मिल, पाटनीपुरा, भमौरी, दशहरा मैदान और कालानी नगर सब्जी मंडी हटाई गई। बावजूद इसके, कलेक्टोरेट से कर्बला ब्रिज तक लगने वाली सब्जी मंडी के मामले में प्रशासन भी हाथ डालने से डर रहा है कि कहीं सरकार नाराज न हो जाए। वजह वही, सरकार ने इनसे हालचाल पूछे थे…!
जगह तलाशने जुटे अफसर, कर्बला मैदान में हो सकती है शिफ्ट
यहां लगने वाली सब्जी मंडी को अन्य स्थान पर विस्थापित करने के लिए निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल ने अफसरों को नई जगह तलाशने के काम में जुटा दिया है। नगर निगम की टीम इसके लिए सर्वे कर रही है। बताया जाता है कि सब्जी मंडी को कर्बला मैदान में शिफ्ट किया जा सकता है, क्योंकि पूरे क्षेत्र में इससे उपयुक्त कोई और जगह नहीं है। लालबाग पैलेस के आसपास भी मंडी को विस्थापित नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह हेरिटेज बिल्डिंग है। देखना यह है कि प्रशासन को अपनी कोशिशों में कितनी सफलता मिलती है।

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