5 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी राज्य सरकारें

मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और तमिलनाडू, ज्यादा कर्ज उठाने वाले राज्यों में शामिल

नई दिल्ली (ब्यूरो)। एक और जहां राज्य सरकारें अपने नियमित खर्च भी अब कर्ज उठाकर चला रही हैं वहीं कई राज्य कर्ज में बुरी तरह उलझ गए हैं। मध्यप्रदेश पर भी ढाई लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका है और आने वाले समय में 50 हजार करोड़ के कर्ज उठाए जाएंगे। बीते एक हफ्ते में ही 16 राज्यों में 24 हजार 234 करोड़ का कर्ज उठा लिया है। अब आने वाले समय में बिजली से लेकर टोल, रजिस्ट्री सहित कई क्षेत्रों में महंगाई का असर दिखाई देगा।
सरकार द्वारा गरीबों की योजनाओं सहित चलाई जा रही कई योजनाएं अब भारी पड़ने वाली है। टेक्स का हंटर आप के नाम पर भी चलने वाला है। रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया है कि सरकारें अब अपना खर्च चलाने के लिए 11 माह की उच्चतम ब्याज दर पर कर्ज उठाने के लिए तैयार हो गई हैं। 7.05 प्रतिशत की दर पर सरकारें कर्ज ले रही हैं, क्योंकि साख पर असर पड़ रहा है। इधर हाऊसिंग लोन 6 प्रतिशत पर उपलब्ध है। आरबीआई का कहना है कि बैंकों से निवेशकों द्वारा पैसा निकाले जाने और कर्ज की मांग बढ़ने से राज्य सरकारों को भारी ब्याज की मार पड़ रही है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 में ही चार लाख 66 हजार करोड़ का कर्ज राज्य सरकारें उठा चुकी हैं। इसमें महाराष्ट्र, तमिलनाडू, मध्यप्रदेश, राजस्थान ज्यादा कर्ज उठाने वाले राज्यों में शामिल है।
क्या होगा असर?
तय समय के बाद अब इनकी किस्तें ब्याज सहित प्रारंभ होने जा रही है। सरकार के पास टेक्स के अलावा आय का कोई साधन नहीं है। इसके चलते आने वाले महीनों में बिजली, पानी, टोल, मकान की रजिस्ट्री, बस का सफर अच्छा-खासा महंगा होने जा रहा है।

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