हुकुमचंद मिल की जमीन पर बस गई अवैध बस्ती

80 छोटे बड़े घर बनाकर रहने लगे लोग

इंदौर। शहर में जमीन के जादूगरों की जादूगरी कैसे काम करती है। इसका ताजा उदाहरण देखना हो तो परदेशी पूरा थाने के ठीक सामने इन दिनों देखा जा सकता है। कुछ लोग यहां हुकुमचंद मिल की जमीन पर रोड किनारे 80 से ज्यादा घर बना कर रहने लगे है। इस अवैध बस्ती में कौन लोग रह रहे है यह कहा से आए है, इन्हें किसने बसाया, यह न तो निगम के अधिकारियों और कर्मचारियो को पता है और न ही बस्ती के सामने वाले थाने के अधिकारी और जवानों को।
इंदौर को कभी मिलो के नाम से ही जाना जाता था। मिल बंद होने के बाद से ही मिलो की जमीन पर अवैध कब्जे होने लगे। नया मामला हुकुमचंद मिल की जमीन पर हो रहे कब्जे का सामने आया है। सड़क किनारे कब्जा करके यहां 80 घर बन गए। इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों तक को नही है। इतना ही नही परदेशी पूरा थाने के ठीक सामने इतनी बड़ी बस्ती बस गई, इस बस्ती में कौन लोग रह रहे है, यह क्या व्यवसाय कर रहे है इसकी जानकारी भी किसी के पास नही है। थाने के ठीक पास ही रकझित निरीक्षक यश सिंह तोमर का निवास स्थान भी है। बावजूद इसके इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने घर बना कर रह रहे है और किसी को कोई जानकारी भी नही है। जबकि हुकुमचंद मिल के गेट पर दो शिफ्टों में गार्ड तैनात रहते है इन्हें मिल की सम्पति के साथ ही जमीन की भी निगरानी करने के लिए जिम्मेदारी दी गई है, मगर यह बस मुख्य गेट पर ही तैनात रहते है इन्हें अंदर की जानकारी नही होती है। मिल के गेट के पास स्थित चाय की दुकान वाले ने बताया कि पास ही एक पुरानी कॉलोनी बसी है। यह लगभग 1980 के आसपास की बताई जाती है इस कॉलोनी का नाम श्यामाचरण शुक्ल नगर है। इस बस्ती में रहने वाले ज्यादातर लोगों ने ही यहां पर टिनसेट लगाकर अतिक्रमण किया है। यह अतिक्रमण कोई नया नही है, पिछले कई सालों से यहां सेट लगा कर सब्जी, भाजी के अलावा दूसरी अन्य सामान को रखने का गोदाम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। शहर में जबसे कोरोना की लहर चली तब से यहां अतिक्रमण की संख्या बढ़ गई है। इन दो सालों में यहां सबसे ज्यादा अतिक्रमण हुए है। बहुत से लोग तो यहां पर ई रिक्शा को पार्क कर रहे है तो कुक लोग सब्जी और अन्य सामान को रख रहे है। ऐसे में यहां धीरे धीरे एक के बाद एक घर बनते गए। इसकी शिकायत भी की गई मगर कोरोना के कारण कोई ध्यान नही दे पाया। जल्द ही अब नए सिरे से फिर अतिक्रमण की जानकारी अधिकारियों को दे रहे है।

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