महंगाई का एटम बम तैयार, अब फटेगा

लगभग सभी सामानों की कीमतों में होने वाली है भारी वृद्धि

नई दिल्ली (दोपहर आर्थिक डेस्क)। जहां एक ओर अब देश से कोरोना विदा हो रहा है, दूसरी ओर टीका कंपनियां भी उत्पादन घटा रही है, तो अब आने वाले समय में मुसीबतें कम होने के बजाय भयानक रूप से बढ़ने जा रही है। आने वाले समय में देश भीषण महंगाई की चपेट में जाने वाला है और यह महंगाई ऐसी होगी, जिसने आपने कल्पना नहीं की है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें जहां आसमान पर जा रही है, वहीं चीन से आने वाले कच्चे सामान में रुकावट पैदा होने के कारण देश में इलेक्ट्रानिक सहित स्टील और सैकड़ों सामानों के दामों में भारी उछाल आने जा रहा है। यदि केन्द्र सरकार समय रहते नहीं चेती तो आम लोगों का खर्चा दुगुना हो जाएगा।
भारत में अब महंगाई का एटम बम फटने जा रहा है। इस बार महंगाई में केवल अनाज ही बचेगा, जो किसानों के सौजन्य से सस्ता मिल जाएगा। बाकी सभी सामानों की कीमतों में भारी उछाल अगले दो महीने में दिखाई देगा। यह महंगाई ऐसे समय में आ रही है, जब बेरोजगारी चरम पर है और लाखों लोगों के वेतन में कटौती हो चुकी है। बताया जा रहा है चीन में कोयले का भी भारी संकट हो गया है, क्योंकि चीन में कोयले का उत्पादन बंद हो गया है। इससे बिजली का भी भारी संकट वहां पैदा हो गया है। भारत में लगभग हर क्षेत्र में कच्चे माल का आयात चीन से ही होता है। चीन केवल भारत को बिजली की झालर और दीए नहीं बेचता है, देश की कुल आवश्यकता का 30 प्रतिशत कच्चा माल निर्यात करता है। इसके अलावा कई और सामान भी चीन से ही आयात होते हैं। सबसे ज्यादा असर इलेक्ट्रानिक उद्योग पर दिखाई देगा। यहां कई कंपनियों ने उत्पादन बंद कर दिए हैं। मोबाइल, कंप्यूटर सहित सामानों के भाव उछलना शुरू हो गए है। चीन से ओएनडी स्क्रीन और माइक्रो चीप भी आना बंद हो गई है। कारों की इसीएम नहीं आने से कारें भी तैयार नहीं हो पा रही है। वहीं दूसरी ओर पूरे विश्व में कच्चे तेल की कीमतें उछलने के कारण अब पेट्रोल और डीजल भी तेजी से कीमतें बढ़ाएंगे। इसका असर भी सामानों पर दिखाई देगा। आने वाले समय में भारत में त्योहारी सीजन भी प्रारंभ हो रहा है। सारी महंगाई का असर अगले त्योहारों में हर व्यक्ति को दिखाई देगा। दूसरी ओर मकान बनाने वाले लाखों परिवारों के लिए भी अब नया संकट खड़ा हो रहा है। चीन से स्टील का आयात रुकने के कारण मकानों में लगने वाले सरीये की कीमतों में आग लग गई है। इसी के साथ पहले से ही रेती-गिट्टी की कीमतें 30 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। कुल मिलाकर अब मकान की लागत में देवड़ा अंतर दिखाई देने लगेगा। दूसरी ओर भारत में कोयले से बिजली उत्पादन करने वाले बिजली घरों में भी कोयले का बड़ा संकट पैदा हो गया है। एक सप्ताह के लिए केवल कोयला बचा हुआ है। भारत से भी अभी कोयले का निर्यात जारी है। सरकार ने कोई रोक नहीं लगाई है। दूसरी ओर आस्ट्रेलिया में भारत सरकार ने कोयले की खरीद प्रारंभ की है, जिसे भारत आने में अभी कुछ समय लगेगा। यह कोयला चीन के लिए आस्ट्रेलिया के बंदरगाहों पर पड़ा हुआ था। जिसकी गुणवत्ता पर आपत्ति लेकर चीन ने इस कोयले को लेने से इंकार कर दिया था।

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