400 फीसदी बढ़ीं ऑनलाइन बाल शोषण की घटनाएं

मासूम सबसे ज्यादा यौन शिकार, मध्यप्रदेश में 13.2 प्रतिशत मामले

नई दिल्ली। भारत में पिछले साल बच्चों के खिलाफ अपराध के कुल 1,28,531 मामले दर्ज किए गए, जिसका मतलब है कि महामारी के दौरान हर दिन ऐसे औसतन 350 मामले सामने आए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) एनसीआरबी के आंकड़ों पर एक गैर सरकारी संगठन के विश्लेषण में यह बात कही गई है। हालांकि, चाइल्ड राइट्स एंड यू (क्राई) ने अपने विश्लेषण में कहा कि 2019 में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों की तुलना में, ऐसे मामलों की कुल संख्या में 13.3 प्रतिशत की गिरावट आई है।
वर्ष 2019 में बच्चों के खिलाफ अपराध के 1,48,185 मामले दर्ज किए गए थे जिसका मतलब है कि देश में हर दिन ऐसे 400 से अधिक अपराध हुए। बाल अधिकार संगठन ने कहा, हालांकि बच्चों के खिलाफ अपराधों की कुल संख्या में गिरावट आई है, लेकिन बाल विवाह के मामलों में 50 प्रतिशत का इजाफा हुआ है जबकि एक वर्ष में ऑनलाइन दुर्व्यवहार के मामलों में 400 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट से पता चलता है कि भारत में बच्चों के खिलाफ अपराधों में पिछले एक दशक (2010-2020) में 381 प्रतिशत की तेज वृद्धि हुई है जबकि देश में कुल अपराधों की संख्या में 2.2 प्रतिशत की कमी आई है। संगठन ने कहा, राज्यवार विश्लेषण से पता चलता है पूरे देश में बच्चों के खिलाफ अपराध के जितने मामले सामने आए, उनमें से 13.2 प्रतिशत मामले मध्य प्रदेश, 11.8 प्रतिशत उत्तर प्रदेश, 11.1 प्रतिशत महाराष्ट्र, 7.9 प्रतिशत पश्चिम बंगाल और 5.5 प्रतिशत बिहार से सामने आए। देश में सामने आए कुल मामलों में से 49.3 प्रतिशत मामले इन राज्यों से हैं।

You might also like