टीकाकरण अभियान लापरवाही और देरी की भेंट चढ़ा

7 दिन से शहर में नहीं लग रहे टीके, केन्द्रों से निराश होकर लौट रहे है हजारों

इंदौर। जिला प्रशासन द्वारा बड़े उत्साह के साथ शुरू किया गया टीकाकरण अभियान अब रेंगने लगा है। पिछले एक सप्ताह से शहर को टीके नहीं मिल पा रहे है। बड़ी तादाद में टीका लगवाने वाले केन्द्रों के चक्कर लगा रहे है और निराश होकर लौट रहे है। अब सवाल उठ रहा है निर्धारित समय में 100 फीसदी टीका लग पाएगा या इसी बीच तीसरी लहर शहर में शुरू हो जाएगी। वहीं अभी 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर टीके के लिए कोई तैयारी नहीं दिखाई दे रही है। इंदौर में 28 लाख टीके लगाए जाने है। पहले डोज की समयावधि समाप्त होने के बाद अब दूसरे डोज को लेकर भी लोग परेशान हो रहे है।
शहर में जनवरी से प्रारंभ हुए वैक्सीन अभियान अब धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। परिणाम यह है कि 700 से अधिक केन्द्रों पर शुरू किए गए अभियान के बाद अब 150 केन्द्र भी वैक्सीनेशन नहीं कर पा रहे है। जहां वैक्सीन आ रही है वहां चंद घंटों में ही समाप्त हो रही है। ऐसे में अब वैक्सीन को लेकर शहरभर में घबराहट फैलती जा रही है। तेजी से चला वैक्सीन अभियान अब फ्लाप होता दिखाई दे रहा है। इंदौर में 28 लाख डोज लगने है। अब तक 26 लाख 91 हजार डोज पहले और दूसरे मिलाकर लगे है। इसमें पहला डोज 21 लाख 92 हजार लोगों को लग चुका है, जबकि 6 लाख से ज्यादा अभी पहले डोज के ही बाकी है। दूसरी ओर दूसरे डोज के रुप में 4 लाख 97 हजार से ज्यादा डोज दिए जा चुके है। यानि दूसरे डोज के लिए 17 लाख से अधिक लोग तैयार हो चुके है। वहीं दूसरी ओर पिछले 7 दिनों से शहर में वैक्सीन कार्यक्रम पूरी तरह बंद पड़ा हुआ है। वैक्सीन के लिए लोग सुबह से ही केन्द्रों पर इस उम्मीद से पहुंच जाते है कि उन्हें टीका लग जाएगा, परंतु पिछले 7 दिनों से वे मायूस होकर लौट रहे है। अब जिला प्रशासन 19 जुलाई को टीकाकरण के लिए बोल रहा है, परंतु अभी भी यह तय नहीं है कि कितना टीकाकरण किया जाएगा। यदि 30 से 40 हजार के बीच टीके आए तो यह चंद घंटों में ही समाप्त हो जाएंगे। कुल मिलाकर टीकाकरण अभियान अब अव्यवस्था और देरी की भेंट चढ़ गया है। इसी स्थिति में टीकाकरण में अब अगले वर्ष तक क्रम बना रहेगा।

अगले दो महीने इंदौर के लिए खतरनाक
डॉक्टरों का कहना है कि देश में संकेत ठीक नहीं मिल रहे है और तीसरी लहर को लेकर अगले दो महीने इंदौर के लिए भी सबसे ज्यादा सतर्क रहने के है। यदि एक बार भी डेल्टा वायरस के मरीजों के मिलने का क्रम शुरू हुआ तो संभालना मुश्किल होगा। इसके लिए टीकाकरण ही फिलहाल सबसे ज्यादा जरूरी है। इसके अलावा मास्क पहनना और भीड़ वाले स्थानों से दूर रहना भी जरूरी है। अगस्त तक इंदौर के नागरिकों को बेहद सतर्क रहना होगा।

तीसरी लहर दरवाजे पर
एक ओर जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन सहित तमाम डॉक्टर दावा कर रहे है कि यदि वैक्सीनेशन किया जा चुका है और दोनों टीके लग चुके है तो तीसरी लहर में बीमारी के बाद भी अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ेगा। स्वयं प्रधानमंत्री भी बोल चुके है कि तीसरी लहर अब राज्यों में दिखाई देने लगी है। ऐसे में टीकाकरण कार्यक्रम यदि समय पर नहीं हो पाया तो तीसरी लहर की स्थिति दूसरी लहर के समान ही देखने को मिलेगी। डॉक्टर मान रहे है वैक्सीनेशन ही केवल तीसरी लहर से बचा सकता है। दूसरी तरफ सरकार ने इंदौर को वैक्सीनेशन प्राथमिकता में छोड़कर अन्य शहरों को प्राथमिकता देना प्रारंभ कर दी है।

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