पिनाकल जमीन घोटाले में अब दास और वडेरा के साथ दीपक कालरा और नितेश वाधवानी पर भी धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज
बेचे गये फ्लैट पर चालीस करोड़ का लोन भी जालसाजी कर उठाया था, ४०० करोड़ के घोटाले में आज भी फ्लैट खरीदने वाले परेशान

इंदौर। उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ द्वारा पिनाकल ड्रीम जमीन घोटाले में पुलिस द्वारा क्लीन चीट प्राप्त करने के बाद करोड़ों की धोखाधड़ी से बाहर हो जाने वाले दो और जमीन कारोबारियों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये हैं। पिनाकल ड्रीम में ४०० से अधिक परिवारों को आधे अधूरे निर्माण के साथ फ्लैट बेचकर करोड़ों की धोखाधड़ी की गई थी। इस मामले को जमीनों के जालसाजों ने दिवालिया प्रकरण के लिए भी लगाकर अपने आप को मुक्त करने की कोशिश की है। हालांकि जिलाधीश द्वारा इस मामले में गिरवी रखे गये भूखंड को बेचकर यहां पर निर्माण कार्यों को पूरा करने का प्रयास भी किया गया था वह भी अभी परवान नहीं चढ़ा है। उच्च न्यायालय ने जमीन घोटाले में अशोका बिल्डिर्स हाईटेक प्रा.लि. के निदेशक दीपक कालरा और नितेश वाधवानी को भी अब आशीष दास और पुष्पेंद्र वडेरा के साथ पूरे जालसाज का आरोपी बनाया है। इसके बाद दोनों ही गिरफ्तारी की जानी है। आशीष दास और पुष्पेंद्र वडेरा पहले ही जमानत पर है। आशीष दास जमानत के बाद से लापता है।
पिनाकल ड्रीम के नाम से आशीष दास और पुष्पेंद्र वडेरा ने एक व्यापक योजना बनाकर एबी रोड़ पर बड़े पैमाने पर फ्लैट बुक किए थे। इस टाउनशिप की लांचिंग के दौरान करोड़ों रुपये फिल्मी कलाकारों पर भी खर्च किए गए थे। इसके बाद यहां ४०० से ज्यादा परिवारों को आधे अधूरे निर्माण के साथ लोन करवाकर ४०० करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि एकत्र कर ली थी। इधर फ्लैट के आधे अधूरे निर्माण के बाद यहां काम बंद होने की स्थिति आ गई और ४०० से ज्यादा फ्लैट खरीदने वाले बैंक और जालसाज बिल्डरों के जाल में उलझ गये।
यह धोखाधड़ी ४०० करोड़ की आंकी गई है। इस मामले में यहां पर दीपक कालरा और नितेश वाधवानी को भी प्रारंभिक स्थिति में जमीनों की हेराफेरी के मामले में आरोपी बनाया गया था परंतु इंदौर पुलिस के तात्कालिन लसुडिय़ा मोरी के थानेदार ने बड़ी राशि लेकर इन दोनों आरोपियों को क्लीन चीट देकर बाहर कर दिया था। इसके बाद यहां पर बनने वाले बहुमंजिला भवनों में मुंबई की कंपनी गोल्ड टैरेस अपार्टमेंट में ६० हजार वर्गफीट के फ्लैट खरीदे थे। इस दौरान चारों ही लोग यहां कंपनी में हिस्सेदार थे। pinnacle dreams scam
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पुलिस ने उस दौरान आशीष दास और पुष्पेंद्र वडेरा पर ही मुकदमे दर्ज किए। उल्लेखनीय है कि यहां पर पिनाकल ड्रीम पर प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए अशोका बिल्डर्स एंड हाईटेक प्रा.लि. द्वारा १६ एकड़ जमीन हिस्सेदारी के साथ दी थी। दोनों ही के बीच विकास अनुबंध और बेचे जाने को लेकर समझौता जेएसएम डेवकान के साथ दीपक कालरा और नितेश वाधवानी ने किया था। जेएसएम के डायरेक्टर आशीष दास और पुष्पेंद्र वडेरा थे।
इस बीच जेएसएम डेवकान द्वारा अनुबंध कडिका क्रमांक १० में सारे अनुबंध करने के बाद जेएसएम डेवकान को दे दिये थे। इसी आधार पर उन्होने फ्लैट की राशि एकत्र करना शुरु कर दी थी। इस बीच जालसाजी कर दीपक कालरा और नितेश वाधवानी ने यहां दिये गये फ्लैट गिरवी रखकर एलएनटी से चालीस करोड़ का लोन भी ले लिया था। इस मामले में चारों ही लोग शामिल थे। इसके बाद जब मुंबई की कंपनी को इनके द्वारा खरीदे गये फ्लैट नहीं मिले और पुलिस द्वारा दो जालसाजों को क्लीन चीट दे दी गई तो उन्होंने उच्च न्यायालय की इंदौरखंडपीठ में याचिका दायर की जिस पर उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के न्यायाधीश प्रेमनारायण सिंह ने पुलिस की रिपोर्ट को पूरी तरह निरस्त करते हुए निचली अदालत के फैसले को भी रद्द कर दिया और इसी के साथ दीपक कालरा और नितेश वाधवानी के खिलाफ भी जमीन की हेराफेरी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिये। इसके साथ आठ और धाराओं में भी मुकदमे दर्ज किये गये हैं। इस जालसाजी में चारों ही आरोपियों को अब उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने गोल्ड टैरेस अपार्टमेंट की ओर से उच्च न्यायालय अभिभाषक विशाल बाहेती ने पैरवी की थी।