50 करोड़ लेकर शराब ठेके छोडऩे पड़े, इंदौरी शराब ठेकेदार ने बीच में साथ छोड़ा
इंदौरी शराब ठेकेदारों के काकस नेउज्जैन ग्रुप का सामान समेटकर वापस भेजा

इंदौर। पहली बार इंदौर के शराब ठेकेदारों ने काकस बनाकर उज्जैन ग्रुप को धार में घड़ी कर दिया। अभी तक मालवा क्षेत्र में उज्जैन ग्रुप का दबदबा बरकरार था। बुरहानपुर उज्जैन सहित कई जिलों में उज्जैन ग्रुप का परचम लहरा रहा था। परंतु इंदौर के शराब के जादूगर ठेकेदारों ने अच्छी रणनीति बनाकर उज्जैन ग्रुप के एक ठेकेदार को तोडक़र पूरा का पूरा ग्रुप अपने कब्जे में कर लिया। इस मामले में अंतत: उज्जैन ग्रुप को ५० करोड़ रुपये से संतोष करना पड़ा। इंदौर के जिस ठेकेदार के नाम से धार और आसपास ठेके लेकर मोनोपाली उज्जैन ग्रुप ने बनाई थी उसके कारण यहां से हर दिन सौ ट्रक के लगभग अवैध शराब गुजरात जा रही थी।
हालांकि अभी भी जा रही है। इंदौर के एक ठेकेदार ने यहां अलिराजपुर में एक दुकान लेकर अपना कामकाज शुरु किया था परंतु पिछले दिनों पुराने परमिट पर लाई गई शराब पुलिस ने जब्त कर ली थी। मजेदार बात यह भी है कि पिछली बार शराब ठेकेदार को यहां तीस करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। जबकि इस बार उज्जैन ग्रुप ने इंदौर के ठेकेदार के साथ मिलकर ६० करोड़ ज्यादा देकर यहां ठेका अपने कब्जे में लेकर मोनोपाली बना ली थ$ी।
आबकारी विभाग के वरिष्ठ सूत्रों ने बताया कि पहली बार उज्जैन ग्रुप के ठेकेदारों को इंदौर के जादूगर शराब ठेकेदारों ने सामान बांधकर वापस उज्जैन भेज दिया। इस मामले में इंदौर के ठेकेदार रमेश राय के अलावा पिंटू भाटिया, सूरज रजक के साथ अलिराजपुर के अल्केश भी शामिल हैं। धार में इस बार पूरे ठेके उज्जैन ग्रुप ने इंदौर के एक पुराने शराब ठेकेदार के बेटे पर भरोसा जताते हुए पूरे ठेके उसी के नाम पर लिए थे। यहां पर शराब की दुकानों पर मोनोपाली होने के बाद शराब की कीमतें तीन गुना तक बढ़ा दी गई थी। चूंकि इस बार शराब कारोबार में उज्जैन ग्रुप का भारी दबदबा बना हुआ है। धार में तीन करोड़ रुपये महीना अभी तक पुलिस को मिल रहा था। इधर पूरे मध्यप्रदेश का माल इसी रास्ते से गुजरात हर दिन जा रहा है शराब के एक कारोबारी ने दावा किया कि अभी भी कम से कम सौ ट्रक शराब हर दिन यहां से गुजरात जा रही है। पूरे मध्यप्रदेश का बचा हुआ माल गुजरात में खपाया जा रहा है।
यह जानकारी आबकारी के उच्च अधिकारियों को भी है और अब राजनेताओं को भी अच्छी तरह से हो गई है। शराब की तस्करी में २ करोड़ रुपये महीना बंट रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछली बार धार में शराब के अधिकांश ठेके नन्हेसिंह के पास थे इस बार उज्जैन ग्रुप ने शराब ठेकेदार यादव के साथ मिलकर धार के सारे ठेके ले लिए थे। परंतु इसके बाद यादव ग्रुप ने अपने पुराने शराब ठेकेदार साथियों के साथ मिलकर यहां पर बड़ा खेल खेला था इसमे नन्हे सिंह के अलावा रमेश राय, सूरज रजक, पिंटू भाटिया शामिल है जिन्होंने यादव ग्रुप को उज्जैन ग्रुप से दो-दो हाथ करने लिए तैयार कर लिया था। पिछले शनिवार धार में जमकर झगड़े हुए जिसमे उज्जैन ग्रुप की तरफ से गौरव जायसवाल को पीछे हटना पड़ा। इंदौर के भी तमाम दादा-पहलवान धार पहुंचे थे।
इसके बाद उज्जैन ग्रुप ने यहां इंदौर ठेकेदारों के सामने घुटने टेक दिए और अंत में यह समझौता हुआ था कि २२ अप्रैल तक पचास करोड़ रुपये इंदौर के ठेकेदार उज्जैन ग्रुप को वापस देकर हिसाब चुकता कर देंगे और इसके बाद उनका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। अब यह मामला भोपाल तक शिकायत के रुप में भी पहुंचा है क्योंकि इंदौर के तमाम शराब ठेकेदार ताकतवर मंत्री के संरक्षण में है। इस बार अब नये गणित में अलिराजपुर की एक दुकान इंदौर के ताकतवर विधायक के करीबी शराब ठेकेदार के पास आ गई है। उल्लेखनीय है कि शराब ठेकेदार अल्केशको गुजरात तक ट्रकों से अवैध रुप से शराब पहुंचाने में महारथ है। तमाम दुकानों की जो शराब नहीं बिक पा रही है उसकी मिनिमम ग्यारंटी भी अल्केश ही खरीद रहा है। धार में इन दिनों शराब की कीमत इंदौर से तीन गुना ज्यादा कर दी गई है। इस समय गुजरात में अवैध रुप से इतनी शराब जा रही है जितनी इसके पहले कभी नहीं गई।
आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने भी माना की सौ ट्रक शराब हर दिन गुजरात में अलग अलग दिशाओं से पहुंच रही है। इधर पिछले दिनों पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अलिराजपुर में १३८५ पेटी विदेशी शराब जब्त की जिसकी कीमत ३२ लाख रुपये से ज्यादा आंकी गई। इस मामले में यह बताया गया कि पुलिस ने अब तक ४८९५ लीटर शराब पकड़ी जिसकी कीमत पौने दो करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। जिस ट्रक से यह शराब पकड़ी गई ट्रक का नंबर एमपी०९ एचजी ४१७४ था इसमे पेटीमाउंट ६००० कंपनी की महंगी शराब भरी हुई थी। इस शराब की जब्ती के बाद अब मामले की लीपापोती की जा रही है।
इस गाड़ी में इंदौर के ठेकेदार सूरज रजक की शराब थी इसके परमिट का समय भी निकल चुका था। आने वाले समय में अब शराब को लेकर एक बड़ी जंग होती हुई दिखाई देगी क्योंकि अब इंदौर के ताकतवर शराब ठेकेदार अब उज्जैन के ताकतवर शराब ठेकेदारों को भी बड़ा राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। पूरे मामले में आबकारी अधिकारियों की उलझन हो गई है यदि उन्होंने गुजरात जा रही अवैध शराब पकड़ी तो भी मुसीबत है और छोड़ी तो भी मुसीबत रहेगी।