500 अरब डॉलर के खनिज पर अमेरिका का कब्जा

वॉशिंगटन। अंतत: रूस से लंबी लड़ाई लड़ रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति जैलेस्की ने अमेरिकी राष्ट्रपति की शर्तें मानते हुए अपने घुटने टेक दिए हैं। अब नए समझौते में यूक्रेन अपने यहां का सबसे ज्यादा दुर्लभ खनिज अमेरिका को देगा। इसके बदले अमेरिका यूक्रेन के निर्माण में सहयोग प्रारंभ करेगा। वहीं रूस की अन्य देशों में युद्ध के बाद कुर्क की गई संपत्ति पर अपना अधिकार छोड़ देगा। यह राशि भी यूक्रेन के विकास पर खर्च होगी। यूक्रेन नाटों देशों के संगठन का सदस्य नहीं बनेगा।
दो दौर की बातचीत के बाद कल अमेरिका द्वारा यह समझौता लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद यूक्रेन में पुर्न निर्माण शुरू होगा। यूक्रेन में टॉयटेनियम, यूरेनियम और लिथियम का सबसे बड़ा भंडार है। इस पर अब अमेरिका का कब्जा रहेगा। इसके बदले अमेरिका 500 अरब डॉलर यूक्रेन के विकास पर खर्च करेगा। इधर रूस के विदेश मंत्री क्रेमलिन भी समझौते के लिए तैयार हैं। उन्होंने भी अमेरिका को अपने यहां के दुर्लभ खनिज के लिए दरवाजे खोलने का विश्वास दिलाया है। रूस अपने 300 अरब डॉलर भी यूक्रेन को देने के लिए तैयार है।