योजना क्रमांक 171 के छूटने में पेंच, जांच कमेटी पता लगायेगी संस्थाओं के खाते में पैसे कहां से आये?

शहर के कई बड़े दिग्गज खेल रहे हैं संस्थाओं की आड़ में अपनी जमीने बचाने का खेल

इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण ने योजना क्रमांक १७१ में उलझी हुई जमीनों को मुक्त करने को लेकर पिछले समय ५ करोड़ ८४ लाख रुपये की राशि जमा करवा ली। अब यह जमीन प्राधिकरण द्वारा योजना से मुक्त की जानी है। इस जमीन पर पिछले तीस साल से छह हजार से ज्यादा प्लाट धारक जहां जल्द राहत की उम्मीद कर रहे थे वही अब इस जमीन की मुक्ति में पेंच आ गया है।

बताया जा रहा है कि यहां पर संस्थाओं की जमीनों के अलावा भी शहर के बड़े जमीन कारोबारी कई माल के मालिक पिंटू छाबड़ा के अलावा कई दिग्गजों की जमीनें भी योजना से बाहर आ गई है। दूसरी ओर यहां दो संस्थाओं के पास जमा करने की राशि न होने के बाद एक ही संस्था ने दोनों संस्थाओं के द्वारा जमा की जाने वाली राशि अपनी ओर से जमा कर दी। परंतु अब इस पूरे मामले में जांच के आदेश करने के बाद कमेटी का गठन भी किया गया है। जो यह जांच करेगी की एक ही संस्था के खाते में इतनी बड़ी राशि कैसे आई।

प्राधिकरण के सूत्रों ने बताया कि स्कीम नं. १७१ की डिमांड में भरी राशि के सोर्स खातों के मिलान और जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है। संस्थाओं और निजी जमीन के मालिकों द्वारा यहां पर यह राशि जमा की गई है। यहां पर कई संस्थाओं की जमीनें भी उलझी हुई है जिनमे से कुछ ने अपने जमीनें बेच भी रखी है। इस मामले में एक संस्था के संचालक ने बताया कि शहर के भूमाफियाओं ने छोटे छोटे प्लाटों की रसीदें खरीदकर इक_े पंद्रह हजार वर्गफीट के प्लाट को कब्जे में लेने के लिए तैयारी की है। पिछले दिनों वे कब्जा करने को लेकर भी लगे थे। इसके पूर्व भी वे छोटे छोटे प्लाट खरीदकर जमीन का लैंड यूज चेंज कर मॉल बना चुके हैं।

यह मामला अभी तक नहीं सुलझा है। यहां मॉल की जगह पर पहले चाय व्यापारियों को छोटे छोटे प्लाट बेचकर कामकाज करने के लिए जगह दी गई थी। इधर देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सह. संस्था मर्यादित द्वारा दो और संस्थाओं द्वारा जमा की जाने वाली राशि भी अपने खाते से जमा कराई है। संपदा अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि आईडीए करा रहा है अब राशि भुगतान करने वाली संस्था की जांच और उनके खातों का मिलान कि यह राशि इन खातों में कहां से आई। बताया जा रहा है कि देवी अहिल्या श्रमिक कामगार ने विवादित संस्था की राशि भी भरी है। प्राधिकरण ने इस मामले में ८० शिकायतों को लेकर भी जांच प्रारंभ की है। अब पूरे मामले की जांच होने के बाद कमेटी यह रिपोर्ट प्राधिकरण बोर्ड की अगली बैठक में प्रस्तुत करेगी। सूत्र बता रहे हैं कि प्राधिकरण को आशंका है कि यह राशि नियमों अनुसार जमा नहीं हुई है। इसलिए इन सभी मामले में अब जांच के बाद ही जमीन मुक्त करने की स्थिति बनेगी।

You might also like