छात्रों की कमी के चलते अब होता जा रहा है ‘भूतहा’ शहर

शिक्षा के काशी से लेकर कोटा फैक्ट्री तक कहा गया

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कोटा (ब्यूरो)। राजस्थान का कोटा देशभर में इंजीनियर और डॉक्टर बनने वाले छात्रों के लिए शिक्षा का काशी के रूप में जाना जाता था, परंतु पिछले एक साल से यहां लगातार छात्रों की कमी के चलते अब शहर के कई बड़े इलाके जो छात्रों के लिए बने थे वे अब भूतहा होते जा रहे हैं। छात्रों की भारी कमी के कारण यहां बने कई काम्प्लेक्स खाली पड़़े हैं। 10 हजार किराये पर जहां कमरे नहीं मिलते थे वहां अब 2000 में भी कमरे लेने वाले नहीं आ रहे हैंं।

राष्ट्रीय पत्रिका द्वारा किए गए सर्वे के बाद पाया है कि कोटा में जहां हर साल 3 लाख छात्र आते थे वे अब घटकर 1 लाख से भी नीचे आ गए हैं। इसके चलते छात्रों के लिए बनाए गए कई होस्टल और कोरल पार्क पूरी तरह खाली पड़े हैं। यहां 350 से अधिक 3 से 5 सितारा कमरे होस्टलों के रूप में बनाए गए थे। इन पर 1500 करोड़़ रुपए से ज्यादा खर्च हुए थे। अब इन होस्टलों के मालिक किराये में 80 प्रतिशत तक कमी करने के बाद खुद ही छात्रों को तलाश रहे हैं, जबकि पहले यहां लाइन लगी रहती थी। एक आंकलन के अनुसार 100 से ज्यादा होस्टल जिनमें 80 से 100 कमरे होते हैं, वे सब अब बंद हो चुके हैं, यहां ताले लगे हैं। छात्रों की कमी का कारण बताया जा रहा है कि कई कोचिंग क्लास अन्य राज्यों में भी ब्रांच खोल रही है।

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