Sulemani Chai – बाबा रे बाबा,, राजक़ि बाबा…

बाबा रे बाबा,, राजक़ि बाबा…

आज कल सिर्फ सियासी जमात में ही रेस नही लगती । जलन हसद हर जगाह होती है। हर इन्सान को अस्पताल, स्कूल और थाने का काम पड़ता है, चाहे आप शरीफ हो या बदमाश,ये काम आसान करते हैं मोहल्ले के नेता, सुरक्षा समिति वाले, या मोहल्ले का मुखबिर, मगर कोई सामाजिक व्यक्ति अगर ये काम कराने लग जाए तो नेताओं के साथ थाने से जुड़े दूसरे लोगों जिनकी रोटी ही इसी से सिकती हो उन्हें तकलीफ हो जाती है। और फिर वो षडय़ंत्र कर उस व्यक्ति को बदनाम करके अपने रास्ते से हटाते हैं। ऐसा ही मामला बड़वाली चौकी के व्यापारी अध्यक्ष राजिक बाबा के साथ हुआ। राजिक बाबा अपने बेबाक अंदाज मे खिदमत ए खल्क करे जा रहे थे, खिदमत में अस्पताल भी जाते और स्कूलों से मुस्तहिक बच्चो की फीस भी माफ़ कराते हैं। इसी के साथ थानो के झगड़े भी सुलझाते किसी झगड़े में राजिक बाबा के साथ तीन लोग थाने जाकर दोनों पार्टियों की सुलह करा के मामले को निमटा आए,पर सबको छोड़ राज़ीक बाबा को अकेले टारगेट कर उनका नाम नशे से जोडक़र उनके खिलाफ गलत जानकारी देकर उनकी जड़ो को कमजोर करने वाले भूल गए की जो दूसरो के लिए गड्ढा खोदता है वो पहले उस गड्ढे में गिरता है और आज कल तो जे सी बी का ज़माना है।

बीजेपी के सुपर स्टार…

sulamani chai
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म प्र अल्पसंख्यक राजनीति में अभी सनवर पटेल बीजेपी कर्यकर्ताओ के लिए किसी सुपर स्टार से कम नहीं। इंदौर में भी पटेल के फेन पलक बिछाये उनका इंतजार करते है, हाल ही में पटेल किसी निजी काम से पीथमपुर आए अचानक इन्दौर आने का मूड बना जिसको खबर लगी वो अपने नेता से मिलने पहुंच गया, क्योंकि भाजपा सदस्यता अभियान शुरु हुआ था तो वार्ड अध्यक्ष इस्माइल खान सदस्यता अभियान पटेल से शुरु करवाने के लिए वार्ड 73 के कार्यकर्ता के निवास में सदस्य बनवाने ले गए उसमे इस्सू पठान के घर भी कुछ सदस्य सनवर पटेल के द्वारा सदस्य बनाए गए। प्रोग्राम के बाद पटेल पलासिया भी नही पहुंचे और इस्सू के पुराने दोस्तों ने उसकी पुरानी नेगेटिव ख़बर पटेल साहब को डाल दी,अब वो चाहने वाला कौन है वो तो साहब जाने, लेकिन इससे इस्सू का वजन कम नही हुआ। दूसरी तरफ जो दूसरे सदर अपने सुपर स्टार से नही मिल सके उन्होने इस्माईल खान रेहान शेख को अपनी आपत्ती दर्ज कराई। बहुत समझाने के बाद दूसरे सदर को यकीन आया कि पटेल अचानक आए थे।

वाट्सअप ग्रुप और मोहब्बत का काम…

धर्म गुरुओं की सियासत के आगे सभी नेता, अभिनेता पानी भरते हैं, अपनी जमात को बटोरे रखने के लिए नफरती मौलाना सारी हदें पार करते आए है, नंबरों में बाटने के साथ, मस्जिदे भी बाटने से गुरेज़ नही किया, नफरते कायम करने के लिए हर व्यक्ति टूल का इस्तेमाल किया है। चाहे किताबों का दौर रहा हो या तकरीरे हो, या सोशल मिडिया सब पर फिर्केबाजी का दौर खूब चलाया पर हालात ए हाजरा ने नफरत फैलाने वाले बाबा और मौलानाओं को अवाम ने नकार दिया है,जो मोहब्ब्त की बात करता है मिलाने की बात करता है उस कौमी रहबर को पूरी दुनिया मे पसन्द किया जा रहा है। जो काम सारे आलिमों, बाबाओं और पीरो को करना था वो काम कुछ लोग व्हाट्सअप कर रहे है जो बेहतर पहल है।

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