Sulemani Chai – दाग़ के साथ सफाई की बात…ये ख़ामोशी दूसरी हैं…

Shulemani Chai
Shulemani Chai

दाग़ के साथ सफाई की बात…

वक्फ की एक ज़मीन जिला कमेटी और कुछ लोगो की सक्रियता से बचा ली गई , उसकी अवाम ने खूब दिल से तारीफ की, दुर अंदेशी रखने वाली काज़ी, मुफ्ती मंडली 4 दिन बाद रैहान एंड कम्पनी के साथ कलेक्टर को कई ज़मीनों पर कब्जे की सूची धमा आए।
जब एक और वक्फ ज़मीन जो करोड़ों क़ीमत रखती थीं मुक्त हुई तो सियासी ठेकेदार सक्रिय हुवे कि इस बहती गंगा में हाथ धो ले।
सय्यद जुल्फी ने वक्फ बचाओ हस्ताक्षर अभियान शुरु किया,जिसे अपना बताकर खजराना से लेकर सदर बाज़ार, फिर रानी पुरा वार्ड तक नेता जी फोटो चलाते नजऱ आए, अब सवाल उठाने वाले काज़ी साहब के डायमंड गार्डन, स्वंभू वक्फ श्वश ने एक पार्षद को ऑफिस पर, पूर्व पार्षद मुन्ना अंसारी के भतीजे ने तो सीधा इल्ज़ाम अंसाफ पर वक्फ मुसाफिर खाने मे खयानत से इस्तेमाल करने का इल्ज़ाम लगा डाला । जिसमे कितनी सच्चाई हे ये तो रानीपुरे वाले ही जाने। लेकिन अगर देखा जाए तो हस्ताक्षर अभियान के तहत सफाई दिखाने और करने वालों को ही लोगो ने कटघरे में खड़ा कर आईना दिखा दिया हे। अब भाई हम तो किसी पर इल्जाम नही लगा रहे।।

ये ख़ामोशी दूसरी हैं…

सय्यद और पटेल को खजराना का सबसे एक्टिव सियासी रहनुमा कह सकते हैं। ये सामाजिक राजनिति हर विषय पर अव्वल सफ में नजऱ आते है। फिलहाल वक्फ ज़मीनो के मामले में मुंह मे दही जमा के बैठे हैं।इसका ये मतलम नही की इन का उसमें कुछ इन्वॉल्वमेंट हैं। पटेल के पास इतना पैसा है कि ऐसे लफड़ो से कोसो दुर रहते है। अब बीजेपी मे फूदकी मारी हैं थोड़ा मान सम्मान पार्टी का रखना हैं। दूसरे सय्यद साहब नाम के ही सय्यद नही है इस्लाम को समझते है,ईमान के पक्के है, वक्फ का मतलब जानते हैं, पर ये दोनों दोस्ती भी निभाना जानते हैं।
अब साहब हम तो इस शेर से बात खत्म करते है।
,,राज़ कह देती है खामोशी तेरी
कितनी नाज़ुक मुहब्बत की जुबां होती है,,

राजीनामा स्पेशलिस्ट ….

आपने बाबाओ के बारे मे जादू, टोना, बंधन, बाधा,स्पेशलिस्ट सुना होगा लेकिन हम आपको दूसरे वाले बाबा जो शहर भर मे आपने खुलुस से चर्चाओं में रहते हैं।बड़वाली चौकी के सदर राजिक बाबा जिनकी चर्चा इंदौर से लेकर भोपाल तक होती रहती हैं।बड़वाली चौकी पर पान की दूकान संचालित करते हैं। और लोगो को मिलाने में विश्वास रखते हैं। इसी लिए इन्हें राजीनामा स्पेशलिस्ट कहते हैं। इंदौर के एक बड़े अल्पसंख्यक भाजपा नेता जी जो लोगो का झगड़ा कराकर माल कमाने में एक्सपर्ट है,खुद एक मामले में उलझ गए हैं। अब अपनी गुत्थी की गिठाने बाबा से सुलझाने के लिए अपनी बड़ी वाली फोरचुनर से बड़वाली चौकी चक्कर काट रहे है।जिसकी चर्चा खजराने से लेकर रानीपुरा, बम्बई बज़ार और बड़वाली चौकी के सभी सुलेमानी चाय के ठियो पर चल रही है।

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