18 लाख छोटी इकाइयां बंद, कर्जदार भी हो गए, 54 लाख से ज्यादा की नौकरी भी गई
नईदिल्ली (ब्यूरो)। देश में 50 हजार से अधिक वेतन की नौकरियों के लाले पडऩे के बाद जहां आईआईटी करने से लेकर एमबीए करने वाले तक नए रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं तो अब दूसरी ओर छोटी औद्योगिक इकाइयों में रोजगार के बड़े संकट खड़े हो गए हैं। कई छोटी इकाइयों में जहां 2 से 3 लोग काम करते थे वहां अब छोटी इकाइयों में मालिकों ने खुद ही काम करना शुरू कर िदया है। कारण का नहीं निकलना है। दूसरी ओर देश में 18 लाख छोटी इकाइयों ने कामकाज बंद कर दिया है। इन इकाइयों के मालिक बैंकों के कर्ज में भी उलझ गए हैं।
असंगठित क्षेत्र में 7 साल में 18 लाख इकाइयां बंद होने के साथ 54 लाख से ज्यादा लोग बेरोजगार हो गए हैं। वहीं अब महिलाओं को आधी मजदूरी पर ही काम मिल रहा है। जुलाई 2015 से अक्टूबर 2022 के बीच असंगठित क्षेत्र की छोटी इकाइयों को लेकर किए गए सर्वे में यह जानकारी सामने आई है कि 18 लाख छोटी इकाइयां जो बैंक से कर्ज लेकर शुरू की गई थी, 7 सालों में ही बिखर गई। इसके साथ ही 54 लाख से ज्यादा लोगों के रोजगार चले गए। अब ये नए रोजगार भी नहीं पा सके हैं। 54 lakh jobs were also lost.
दूसरी ओर सांख्यिकी पर बनी स्थायी समिति के चेयर पर्सन प्रणब सेन का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि नीतिगत फैसलों और माहमारी के साथ ही बिना तैयारी के साथ ही देश बंदी ने इस क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया है। दो से तीन लोगों को रोजगार देने वाले उद्योग अब बंद होचुके हैं। यह क्षेत्र कृषि के बाद सबसे ज्यादा रोजगार देता है।
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आंकड़ों के अनुसार ट्रेनिंग सेंटर में अनिगमित प्रतिष्ठानों की संख्या भी अब घटकर 2.25 रह गई है। उल्लेखनीय है कि देश में अब 20 हजार रुपए से कम के रोजगारों पर भी भारी संकट आ गया है। पिछले दिनों ईएसआईसी (केंद्रीय कर्मचारी राज्य बीमा निगम) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों में भी बताया गया था कि इस साल रोजगार में 7.8 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
ईएसआईसी में छोटी इकाइयां अपने यहां कार्यरत श्रमिकों और कर्मचारियों का बीमा करती हैं। पिछले साल इसमें पंजीकृत कर्मचारियों की संख्या 17.8 लाख थी जबकि इस साल यह संख्या घटकर 16.4 लाख हो गई है। इसी के साथ अब बाजार में रोज मजदूरी पर काम करने वाले मजदूरों के सामने भी 15 दिन से अधिक का रोजगार नहीं मिल रहा है।
मोदी कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं- राहुल
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष की चर्चा को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा क िप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते कुछ हैं, करते कुछ हैं। एनडीए ने अध्यक्ष पद के लिए समर्थन मांगा है, इसके लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे से बात की है।