दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की तैयारी
ईडी अब केजरीवाल को लंबे समय जेल में रखने की तैयारी में
नई दिल्ली (ब्यूरो)। कल उच्च न्यायालय द्वारा ईडी की जांच को सही बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल पर लगे सबूतों को सही मानते हुए गिरफ्तारी को उचित बताया है। कोर्ट ने केजरीवाल को लेकर यह भी टिप्पणी की की वे साजिश में लिप्त थे, इसके पर्याप्त सबूत ईडी के पास हैं। अब दिल्ली में आप पार्टी की सरकार पर बड़ा संकट खड़ा हो गया है। अगले एक सप्ताह में यहां बड़ा फैसला देखने को मिलेगा। यदि मुख्यमंत्री पद को केजरीवाल ने नहीं छोड़ा तो दिल्ली सरकार भंग होना तय है, यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। भाजपा इस मामले में सभी पक्षों को समझ रही है कि उसे लोकसभा चुनाव में कितना खामियाजा हो सकता है। Preparation for President’s rule in Delhi
अरविंद केजरीवाल जहां आज उच्चतम न्यायालय में तत्काल सुनवाई को लेकर पहुंचे हैं। माना जा रहा है आज सुनवाई संभव नहीं होगी। यह अवकाश के बाद सोमवार को अदालत खुलने पर ही हो पाएगी। दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल को अब लंबे समय तिहाड़ जेल में रहना पड़ सकता है। इसके चलते अब उनके पास इस्तीफे का ही विकल्प रह जाएगा। वहीं यदि केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया तो केन्द्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा सकती है। यह एक सप्ताह के अंदर ही फैसला हो जाएगा। दूसरी ओर ईडी ने अपनी ओर से केजरीवाल को अब लंबे समय जेल में रखने की व्यवस्था करते हुए मामले को फास्टट्रेक ट्रायल के लिए तैयार करना शुरू किया है। इसके लिए स्पेशल हवाला कोर्ट से अनुमति भी मांगी गई है। ईडी अगले साल फरवरी में विधानसभा चुनाव होने तक इस मामलेे का निराकरण कर केजरीवाल को सजा दिलाने की तैयारी भी कर रही है। इधर आप पार्टी ने भी अपनी तैयारियां शुरू करते हुए दावा किया है कि केजरीवाल को जेल में रखने पर हरियाणा, दिल्ली, पंजाब में भाजपा को लोकसभा चुनाव में बड़ा नुकसान होने जा रहा है। दूसरी ओर अब केजरीवाल के लंबे समय जेल में रहने के कारण मनीष सिसोदिया की जमानत भी उच्च न्यायालय की टिप्पणी के बाद खतरे में पड़ गई है।